जमीन-मकान के सौदे से पहले करें दस्तावेजों की पड़ताल
डीआइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने जमीन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: डीआइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने जमीन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने अपील भी की है कि जमीन-मकान के सौदे से पहले दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल करें। इससे छुपी बातें भी सामने आ जाएंगी। इन बातों पर ध्यान दें:-
- फर्द: जमीन खरीदने से पहले खरीददार राजस्व विभाग या नगर निगम से सत्यापित प्रति या कागजात लेकर चेक करें। यह भी जांच लें कि भूमि बेचने वाला संबंधित भूमि पर काबिज है, या नहीं। जमीन कहीं बैंक में बंधक तो नहीं है।
- खसरा-सजरा: भूमि की खसरा-खतौनी को भी देखें। राजस्व विभाग से नक्शा लेकर मौके पर जाकर जरूर मिलान करें।
- 12 साला रिकार्ड: 12 साला, ये वो कागजात हैं जिनको नगर निगम से देखकर पता लगाया जा सकता है कि यह जमीन किसकी है व कितने साल से संबंधित व्यक्ति जमीन पर काबिज और किस-किस व्यक्ति के नाम वह जमीन चली आ रही है।
- जमीन खरीदने से पहले विक्रेता के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं। उसकी आम शोहरत भी जानें।
- एजेंट, प्रापर्टी डीलर से पूछताछ के साथ रेरा में उसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी मांगें।
- जो भूमि सयुंक्त खाते की हो, जांचें कि समस्त संयुक्त खातेदारों द्वारा विधिक रूप से राजस्व विभाग से बंटवारा वाद के जरिये सब खातेदारों के अलग-अलग खाते तैयार हुए हैं, या नहीं।
- रजिस्ट्री के समय बैनामा करने वाले की फोटो और पहचान पत्र जरूर देखें।
- जमीन खरीदते समय दस्तावेजों में दर्ज चौहद्दी को मौके पर जाकर जरूर देखें।
- समुदाय विशेष या एससी-एसटी की जमीन खरीदने से पहले डीएम से अनुमति जरूर प्राप्त करें।
- भुगतान हमेशा चेक में करें और जमीन के मूल मालिक के ही नाम दें।
- पावर ऑफ अटार्नी के बारे में मूल मालिक से जरूर बात करें।
- एग्रीमेंट हमेशा रजिस्टर्ड ही कराएं।
- यदि उधार के बदले में जमीन का अनुबंध करते हैं कि समय पर पैसा न दे पाएं तो संबंधित जमीन की रजिस्ट्री करेंगे। इसका अनुबंध में जिक्र अवश्य करें।