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विद्युत योजनाओं में हुर्इ गड़बड़ी की होगी जांच, नहीं बख्शे जाएंगे दोषी

विद्युत विकास योजना यानी आइपीडीएस और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना डीडीयूजीजे में गड़बड़ी की जांच की जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 01:48 PM (IST)
विद्युत योजनाओं में हुर्इ गड़बड़ी की होगी जांच, नहीं बख्शे जाएंगे दोषी
विद्युत योजनाओं में हुर्इ गड़बड़ी की होगी जांच, नहीं बख्शे जाएंगे दोषी

देहरादून, जेएनएन। केंद्र की ओर से शुरू की गई समेकित विद्युत विकास योजना (आइपीडीएस) और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजे) में गड़बड़ी की जांच की जाएगी। शासन ने इसके लिए यूपीसीएल से आख्या मांगी है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विदित है कि दोनों योजना में यूपीसीएल के अधिकारियों ने अपने चहेती कंपनियों को स्वीकृत डीपीआर राशि से 12 से 15 फीसद अधिक में टेंडर देकर 130 करोड़ रुपये की अनियमितता की है।   

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दरअसल, वर्ष 2014 में केंद्र सरकार की ओर से शहरी क्षेत्रों में बिजली वितरण नेटवर्क को ठीक  करने और विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए समेकित विद्युत विकास योजना व ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर विद्युत व्यवस्था सुचारू रखने व प्रत्येक गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की थी।

इन दोनों योजनाओं के तहत, भूमिगत केबल, ट्रांसफार्मर बदलने, बिजली पहुंचाने, लाइनों की शिफ्टिंग आदि कार्य किए जाने थे। आइपीडीएस योजना के तहत उत्तराखंड में 37 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए। जिसके लिए 190.68 करोड़ रुपये की डीपीआर यूपीसीएल की ओर से बनाई गई। इस योजनाओं की देखरेख के लिए बनी मॉनिटरिंग कमेटी ने इसको अपनी स्वीकृति दे दी, लेकिन इसके बाद यूपीसीएल ने स्वीकृत लागत के विपरीत 219.71 यानि 29.03 करोड़ अधिक मेंं कंपनियों को ठेके दे दिए। जो स्वीकृत धनराशि के 15.22 फीसद अधिक है।

इसी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में भी सामने आई है। योजना के तहत 13 जनपदों के लिए विभिन्न कार्यों के लिए 837.73 करोड़ मॉनिटङ्क्षरग कमेटी ने स्वीकृत किए थे। लेकिन, यूपीसीएल की ओर से स्वीकृत लागत के सापेक्ष 938.96 करोड़ रुपये यानि 101.23 करोड़ रुपये अधिक में विभिन्न कंपनियों को ठेके दे दिए। जो स्वीकृति लागत से 12 प्रतिशत अधिक है।

महालेखाकार (लेखा परीक्षा) उत्तराखंड की ऑडिट में दोनों योजनाओं में 130.26 करोड़ की गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन ने इस पर यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक का जबाब तबल किया था। लेकिन, अब शासन ने इस पर जांच बैठाने का फैसला किया है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि दोनों योजनाओं पर यूपीसीएल से पूरी आख्या मांगी जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

सौभाग्य योजना से दो लाख लोग लाभाविंत 

केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का प्रदेश में दो लाख 37 लोग अभी तक लाभ ले चुके हैं। योजना के तहत अभी 31 दिसंबर तक आवेदन किया जा सकता है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि अगर कोई भी उपभोक्ता अभी तक इसके लाभ से वंचित है तो वह 31 दिसंबर तक इसके लिए आवेदन कर सकता है। 

मंगलवार को सचिव ऊर्जा ने सचिवालय में योजना की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में यूपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि तीस नवंबर तक योजना के तहत प्रदेश में दो लाख 37 लोगों को विद्युत संयोजन प्रदान किया जा चुका है। सचिव ऊर्जा ने योजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए यूपीसीएल के अधिकारियों से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कहा कि कोई भी घर छूटे नहीं इसके लिए प्रदेश के सभी जनपदों में सौभाग्य रथ निकालकर दूरस्थ क्षेत्रों तक भी योजना को पहुंचाया जाए।

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