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देहरादून : 15 हजार का कुत्ता बेचने के नाम पर 66 लाख रुपये ठगने वाला गिरफ्तार

दून में महिला से 66 लाख रुपये ठगने वाले विदेशी नागरिक को बंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग से 12 से अधिक मोबाइल फोन सिम कार्ड्स लैपटॉप एटीएम कार्ड्स और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद हुए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 09:38 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 10:52 PM (IST)
देहरादून : 15 हजार का कुत्ता बेचने के नाम पर 66 लाख रुपये ठगने वाला गिरफ्तार
गोल्डन रिटरेवियर के नाम पर ठगी करने वाला इंटरनेशनल ठग बंगलुरु से गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून।  असोम में पाया जाने वाला गोल्डन रिटरेविर नस्ल का कुत्ता बेचने के नाम पर दून की महिला से 66 लाख रुपये ठगने वाले शातिर को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने इसी जून में ऋषिकेश के एक व्यक्ति को भी श्वान बेचने के नाम पर दो लाख रुपये की चपत लगाई थी। वह मूल रूप से मध्य अफ्रीकी देश कैमरून का रहने वाला है। एसटीएफ की टीम मंगलवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लेकर आई। वह भारत में कब से रह रहा है और अब तक ठगी की कितनी घटनाओं को अंजाम दे चुका है, यह पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जा रही है।

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डीआइजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि इसी वर्ष 12 जुलाई को दून के मोथरोवाला में रहने वाली चिकित्सक आरती रावत ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि 20 जून 2021 को उन्होंने बेटी के जन्मदिन पर कुत्ते का बच्चा मंगवाने के लिए जस्ट डायल पर संपर्क किया। वहां से एक व्यक्ति का नंबर मिला, जिसने गोल्डन रिटरेविर नस्ल के कुत्ते के बच्चे की कीमत 15 हजार रुपये बताई।

इसके बाद आरोपित ने कुत्ते के बच्चे की डिलीवरी के लिए महिला से प्रोसेसिंग, सिक्योरिटी, शिपिंग, क्वारंटाइन आदि की फीस के नाम पर 22 जून से एक जुलाई तक 66 लाख 39 हजार 600 रुपये विभिन्न बैंकों के खातों में जमा करा लिए। प्रकरण की जांच करने पर पता चला कि जिन खातों में उक्त धनराशि जमा कराई गई, वह त्रिपुरा और महाराष्ट्र की विभिन्न बैंक शाखाओं के हैं। जबकि, ठगी की रकम बेंगलुरु में एटीएम के माध्यम से निकाली गई। इसके बाद ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया। उसकी लोकेशन भी बेंगलुरु में मिली।

ऐसे में एसटीएफ की एक टीम आरोपित को दबोचने के लिए 15 दिन से बेंगलुरु में डेरा डाले थी। इस टीम ने जिस एटीएम से ठगी की रकम निकाली गई थी, उसकी सीसीटीवी फुटेज व अन्य जानकारियों को खंगाला। जिससे आरोपित की पहचान डेविड डे जाब उर्फ डिंग बोबगा क्लोबेस उर्फ बाबी इब्राहिम के रूप में हुई। वह बेंगलुरु में साक्षी मेनसन, गोपाल रेड्डी लेआउट क्रास डोडा बंसवाडी में रह रहा था। उसे सोमवार को यहीं से गिरफ्तार किया गया। वह साइबर ठगी की घटनाओं को यहीं से अंजाम देता था।

आरोपित के पास चार मोबाइल फोन, एक लैपटाप, पांच कंपनियों के सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड और 36 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। इससे ठगी के कई अन्य मामलों के सामने आने की संभावना है। उसके साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

13 लाख रुपये कराए फ्रीज

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि आरोपित ने चिकित्सक आरती रावत से इंडसइंड, एचडीएफसी, एसबीआइ और केनरा समेत 13 बैंक के खातों में धनराशि मंगवाई थी। इन बैंकों से संपर्क कर उक्त खातों में 13 लाख रुपये की धनराशि फ्रीज करा दी गई है। बाकी रकम आरोपित विदेश भेज चुका है।

साइबेरियन हस्की के नाम पर ठगा

डेविड ने इससे पहले ऋषिकेश के छिद्दरवाला निवासी शिवनारायण राणा से साइबेरियन हस्की नस्ल का कुत्ते का बच्चा बेचने के नाम पर दो लाख रुपये ठगे थे। शिवनारायण राणा ने बताया कि चार जून 2021 को उन्होंने इंटरनेट पर इसका विज्ञापन देखा था। उसमें दिए मोबाइल नंबर पर फोन किया तो आरोपित ने पांच हजार रुपये एडवांस भेजने को कहा। उन्होंने गूगल-पे के जरिये पांच हजार रुपये भेज दिए। इसके बाद आरोपित ने उनसे भी कुत्ता पहुंचाने का भरोसा देकर विभिन्न शुल्कों के नाम पर एक लाख 95 हजार 600 रुपये ठग लिए।

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