योग साधकों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समा
परमार्थ निकेतन में आयोजित 30वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में बुधवार को विभिन्न संस्कृति से देश विदेश के योग साधक रुबरू हुए।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
परमार्थ निकेतन में आयोजित 30वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में बुधवार को देश- विदेश के योग साधकों ने मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस दौरान दुनिया भर की संस्कृति से साधक रूबरू हुए।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठवें दिन विश्व के विभिन्न देशों से आए योग जिज्ञासुओं ने योग, आसन, ध्यान, रैकी, आहार-विहार, वैदिक मंत्र जप की कक्षाओं के साथ, स्वेट लॉज और आध्यात्मिक सत्र के साथ संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द लिया। प्रसिद्ध संगीतकार और योगाचार्य मर्ट गूलर के निर्देशन में टर्की से आए योग साधकों के दल ने सूफी संगीत और वाद्य-यंत्रों के मधुर राग बजाया जिसे सुनकर योगी झूमने लगे। परमार्थ गंगा तट पर गंगा के संगीत और सूफी संगीत के ताल पर मस्त होकर योगी संगीत के ताल से ताल मिला रहे थे। परमार्थ निकेतन गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने गणेश स्तुति और शिव तांडव की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। वहीं स्वच्छ भारत और स्वच्छ विश्व का संदेश देश-विदेश के हर कोने-कोने तक पहुंचाने के लिये परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने स्वच्छता के प्रति जागरूक करने हेतु नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।
साधकों को कराया योग निद्रा का अभ्यास
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में योग के विशेष सत्र का शुभारंभ बुधवार को अमेरीका से आए योगाचार्य गुरुशब्द सिंह खालसा के कुण्डलिनी योग से हुआ। योगाचार्य संदीप देसाई ने मैसूर शैली में अष्टांग योग, योगाचार्य मोहन भण्डारी ने ऊर्जा का रहस्य, बंगलुरु से आए योगाचार्य एचएस अरूण ने 'आसन करते हुये जागरूक होकर श्वास का अभ्यास', साउंड ऑफ साइलेंस, योगाचार्य केरेन पोपेट ने सूर्योदय नाद योग ध्यान साधना, अमरीका से आए सोल डेविड रॉय ने पावर ऑफ हार्ट-हृदय शक्ति, अमरीका की योगाचार्य कीया मिलर ने कुण्डलिनी योग-सूर्य नमस्कार, अमरीका से आई लौरा प्लब ने हनुमान नमस्कार, स्वामी उत्त्तमानन्दा ने ओम नम: शिवाय-का आंतरिक अर्थ, माँ ज्ञान सुवेरा ने रैकी हीलिग, योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती ने योग निद्रा का अभ्यास कराया। वहीं योगाचार्य जीएस गुप्ता ने भोजन और रोग' के विषय में जानकारी दी।