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देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष गिरफ्तार, छात्रवृत्ति की तीन करोड़ से ज्यादा धनराशि हड़पने का आरोप

छात्रवृति घोटाले में एसआइटी व पटेलनगर कोतवाली पुलिस की टीम ने देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 09:34 PM (IST)
पुलिस की टीम ने देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी) छात्रवृत्ति घोटाले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने कार्रवाई फिर तेज कर दी है। इस प्रकरण में दो और व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। एसआइटी ने देहरादून की पटेलनगर कोतवाली पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, सेलाकुई के चेयरमैन और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। उन पर छात्रवृत्ति की तीन करोड़ से ज्यादा धनराशि हड़पने का आरोप है। दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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पटेलनगर कोतवाली के एसआइ अनिरुद्ध मैठाणी ने बताया कि वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच देहरादून और हरिद्वार में कुछ स्ववित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों ने अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं का फर्जी प्रवेश दर्शाकर उनकी फीस प्रतिपूर्ति के रूप में समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि का गबन किया। जिसकी जांच एसआइटी कर रही है। इस मामले में 13 दिसंबर 2019 को देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, सेलाकुई के खिलाफ भी थाना सहसपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी जांच में पाया गया कि संस्थान ने समाज कल्याण विभाग से वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक छात्रवृत्ति के रूप में 3,29,25,890 रुपये प्राप्त किए। लेकिन, इस छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किया गया। असल में संस्थान की तरफ से जिन छात्र-छात्राओं को लाभार्थी दर्शाया गया था, उनका दाखिला संस्थान में कभी हुआ ही नहीं। संस्थान के चेयरमैन डा. मनोज कुमार निवासी ग्राम कौल, मवाना, मेरठ (उत्तर प्रदेश) और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार निवासी असौडा हाउस, लालकुर्ती, मेरठ (उत्तर प्रदेश) ने उक्त छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क प्रवेश का प्रलोभन देकर उनसे शैक्षणिक व अन्य दस्तावेज प्राप्त कर लिए थे। छात्र-छात्राओं से कहा गया था कि दाखिले के बारे में फोन पर सूचित किया जाएगा, लेकिन बाद में संस्थान ने किसी भी छात्र-छात्रा से संपर्क नहीं किया। जबकि, उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली। दोनों को शनिवार को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया गया।

घोटाले में दर्ज हो चुके 83 मुकदमे

एसपी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में इस छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी अब तक देहरादून में 32 और हरिद्वार में 51 यानी कुल 83 मुकदमे दर्ज करा चुकी है। कुछ संस्थान कार्रवाई से बचने के लिए हाई कोर्ट की शरण में जा चुके हैैं। वहीं कुछ संस्थान गबन की गई धनराशि जमा करने को तैयार हुए हैैं।

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