प्रदेश के मदरसों में हो शिक्षा के स्तर की जांच
रामपुर (सहसपुर) के एक मदरसे में आठवीं कक्षा के छात्रों की ओर से प्रधानमंत्री और देश का नाम गलत बताए जाने की घटना को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: रामपुर (सहसपुर) के एक मदरसे में आठवीं कक्षा के छात्रों की ओर से प्रधानमंत्री और देश का नाम गलत बताए जाने के मामले को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने प्रदेश के सभी मदरसों में शिक्षा के स्तर और अन्य व्यवस्थाएं जांचने के आदेश दिए हैं। प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को मदरसों की जांच के संबंध में पत्र भेजा गया है। एक माह के भीतर आयोग में जांच रिपोर्ट देनी होगी।
आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से भेजे पत्र में कहा गया कि 19 सितंबर को आयोग की टीम ने रामपुर के मदरसे में औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान छात्रों से पीएम और देश का नाम पूछे जाने पर गलत जवाब दिए गए थे। कहा कि यह बेहद शर्मनाक है। इससे पता चलता है कि मदरसों में शिक्षा का स्तर बेहद निम्न है। कहा कि निरीक्षण में छात्रों के मिड-डे मील, सुरक्षा के साथ भी समझौता किया जा रहा था। उन्होंने प्रमुख सचिव को सभी मदरसों की जांच कराने को कहा है।
जेजे एक्ट का पालन करें मदरसे
पत्र में कहा गया है कि मदरसों में छात्रों की सुरक्षा एवं हितों को नजरंदाज किया जा रहा है। साफ किया कि मदरसे भी स्कूलों की तरह ही शिक्षण संस्थान हैं। इसलिए मदरसों में भी किशोर न्याय एक्ट के आवश्यक दिशा-निर्देश लागू करना अनिवार्य है। यदि कोई मदरसा निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही हो।
'टीपू सुल्तान' को बताया था पीएम
बता दें कि जब आयोग की टीम ने छात्रों से पीएम का नाम पूछा था तो उन्हें जवाब मिला था 'टीपू सुल्तान'। इस पर सदस्य चौंक गए। इसके बाद देश का नाम पूछा तो छात्रों ने 'उत्तर प्रदेश' बताया था।