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मंहगाई की मार ने बिगाड़ कर रख दिया रसोई का बजट Dehradun News

प्याज के बाद अब दालों के भाव में भी महंगाई का तड़का लगा है। वहीं रसोई गैस सिलेंडर दूध और अंडे भी महंगाई की दौड़ में शामिल हो गए हैं। बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर ही तोड़ दी।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:30 AM (IST)
मंहगाई की मार ने बिगाड़ कर रख दिया रसोई का बजट Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। प्याज के बाद अब दालों के भाव में भी महंगाई का तड़का लगा है। वहीं रसोई गैस सिलेंडर, दूध और अंडे भी महंगाई की दौड़ में शामिल हो गए हैं। बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर ही तोड़ कर रख दी है। बजट बिगड़ने से रसोई लडख़ड़ाने लगी है। ऐसे में आम आदमी के समक्ष यह समस्या हैं कि सीमित बजट में वह कैसे घर चलाए। बच्चों और परिवार की जरूरतें कैसे पूरे करें। 

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पहले प्याज ने आम लोगों की जेब ढीली की अब दाल और तेल जेब काट रहे हैं।  आलम यह है कि बड़े- बड़े होटलों की थाली से प्याज गायब हो गया। प्याज के बाद अब दाल, दूध, तेल और आटे के दामों में इजाफा होने से आम लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। 

पिछले दो महीनों में सबसे ज्यादा तेजी पकड़ी तेल और आटे के दाम ने। रिफाइड और सरसों तेल के दाम में 20 रुपये तक का इजाफा हुआ है। वहीं आटे के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के चलते दस किलो वाला चक्की आटे का बैग 260 से 280 रुपये पर पहुंच गया है। 

औसतन छह सदस्यों वाले परिवार का राशन का मासिक खर्चा पांच से छह हजार रुपये आता था, लेकिन अब बढ़ती महंगाई के कारण यह खर्च सात से लेकर आठ हजार तक पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंहगाई पिछले छह सालों में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। अब देखना होगा कि सरकार आम लोगों को राहत देने के लिए क्या करती है। 

पिछले दो महीनों में कीमतों में इजाफा (किलो या लीटर के हिसाब में रुपये में दाम, खुदरे बाजार के हिसाब से)

खाद्य पदार्थ---------दाम नवंबर में--------दाम जनवरी में

रिफाइड तेल--------------90--------------10 से 120

सरसों तेल----------------95--------------110 से 130

उड़द दाल---------------100--------------120

साबुत चना---------------75----------------80

मूंग दाल------------------90----------------96

आटा, (दस किलो)------260--------------280

रसोई गैस और दूध भी महंगा

रसोई गैस के दाम पिछले पांच महीनों में लगातार बढ़े हैं। जनवरी महीने में घरेलू सिलेंडर 731.3 रुपये और व्यावसायिक सिलेंडर 1273 रुपये का मिल है। नवंबर में घरेलू सिलेंडर के दाम 655 रुपये और व्यावसायिक सिलेंडर के दाम 1154 रुपये थे। पिछले पांच महीनों का रिकार्ड देखें तो अकेले घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 139.7 रुपये का इजाफा हो गया है। वहीं व्यावसायिक सिलेंडर के दामों में पिछले पांच महीनों में 234 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं दूध की कीमतों में भी प्रति लीटर दो रुपये का इजाफा हुआ है। 

आयात पर रोक से बढ़े दाम 

आढ़त बाजार एसोसिएशन के महासचिव विनोद गोयल के अनुसार, सरकार ने ओपन जनरल लाइसेंस से खाने के तेल के आयात पर रोक लगा दी है। जिसके चलते सरसों और रिफाइड दोनों तेलों के दामों में इजाफा हुआ है। गेहूं और दालों का समर्थन मूल्य बढऩे से दालों व आटे के कीमतों में इजाफा हुआ है। 

रोज नहीं खा सकते अंडे 

छात्रा गरिमा यादव के मुताबिक, संडे हो या मंडे अब रोज नहीं खा सकते अंडे। क्योंकि अंडे के दाम अब बजट से बाहर हो गए हैं। चार रुपये का अंडा अब साढ़े छह रुपये का हो गया है।

रसोई का खर्चा बढ़ा 

गृहणी सुनीता यादव का कहना है कि महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। हमारे परिवार में पांच लोग हैं। कुछ महीने पहले ही रसोई का खर्चा पांच हजार रुपये महीने आता था। अब सात हजार रुपये आ रहा है। 

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हर महीने बिगड़ रहा बजट 

गृहणी दर्शनी ध्यानी के अनुसार, रसोई गैस के दाम हर महीने बढ़ रहे हैं। प्याज- टमाटर ने भी खूब जेब ढीली की अब, तेल से लेकर आटा महंगा हो गया है। महंगाई इसी दर से बढ़ी तो आम लोगों का जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो जाएगा।  

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