अब बाघ गणना में भारत करेगा इन दो देशों की मदद, जानिए
बाघों की गणना के लिए अब भारत भूटान और नेपाल की मदद करेगा। डब्ल्यूआइआइ में इस प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद केंद्र को भेज दिया गया है।
देहरादून, [जेएनएन]: नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की मदद से अब भारत पड़ोसी राज्य भूटान और नेपाल में भी टाइगर गणना में मदद करेगा। डब्ल्यूआइआइ में इस प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद केंद्र को भेज दिया गया है। केंद्र सरकार ही अब इस मसले पर नीतिगत फैसला करेगी।
भारत में डेढ़ दशक से टाइगर संरक्षण को लेकर गणना की जा रही है। देश के 18 राज्यों में यह गणना हर साल होती है। पड़ोसी राज्यों की सीमा से टाइगर इन देश में आते-जाते हैं। इससे कई बार गणना में भी दिक्कतें होती हैं। ऐसे में डब्ल्यूआइआइ में जुटे भूटान, नेपाल और टाइगर प्रोटेक्शन पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने गणना को लेकर मंथन किया।
डब्ल्यूआइआइ के निदेशक वीवी माथुर ने बताया कि एनटीसीए की इस बैठक में मित्र राष्ट्र भूटान और नेपाल में भी टाइगर गणना में मदद करने की सहमति हुई है। कहा गया कि भारत में जिस पद्धति से टाइगरों की गणना होती है, उसकी तर्ज पर इन देशों में भी गणना की जानी चाहिए। ताकि टाइगरों की मौजूदा संख्या से लेकर उनके दूसरे गुणों से वाकिफ हो सके। उन्होंने कहा कि 15 सालों से हमारे देश में टाइगर गणना की दक्षता हासिल की गई है। इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की सीमा क्षेत्र से टाइगरों के आने-जाने की सूचनाएं भी गणना से एकत्र हो सकेंगी।
इधर, बैठक में टाइगर संरक्षण पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल टाइगर फोरम ने भी टाइगर संरक्षण को लेकर 13 देशों में एक साथ अपनाई जाने वाली गणना के तरीकों और नियमों की जानकारी दी। कहा कि इससे विश्व में टाइगरों की संख्या की पुख्ता जानकारी मिल पाएगी।
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