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देश में विकास के मॉडल को बदलने की जरूरत

देश विकास के गलत मॉडल पर चल रहा है। जिससे पर्यावरण का नुकसान दिनोदिन बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 08:10 PM (IST)
देश में विकास के मॉडल को बदलने की जरूरत

जागरण संवाददाता, देहरादून: देश विकास के गलत मॉडल पर चल रहा है। जिससे पर्यावरण का नुकसान दिनोदिन बढ़ रहा है। रोजगार छिन रहे हैं और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। अगर समय रहते सतत विकास का बेहतर मॉडल लागू नहीं किया गया तो देश में हालात और बिगड़ जाएंगे। ये बात स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बंजारावाला स्थित एक निजी वेडिंग प्वाइंट में दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह में कही।

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स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ और सहकार भारती के जनक दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी वर्ष पर चारों संगठनों के सहयोग से समारोह आयोजित किया गया। समारोह में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक शर्मा ने दून में वॉलमार्ट का स्टोर खोलने पर भी आपत्ति जताई। कहा कि इससे यहां के स्थानीय व्यापारियों की दुकानदारी चौपट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विचारक दत्तोपंत ने स्वदेशी अपनाने और सत्ता के विकेंद्रीकरण की पैरवी की थी। उन्होंने 'थ‌र्ल्ड वे' किताब लिखकर इसमें देश की तरक्की के लिए कई अहम सुझाव भी दिए। समारोह में मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने जातिवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। कहा कि शर्म की बात है कि आधुनिक युग में भी जातिवाद हम लोगों पर भारी है। जब तक इससे ऊपर नहीं उठा जाएगा तब तक देश की तरक्की की कल्पना करना बेमानी है। भारतीय किसान संघ के केंद्रीय संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित ने दत्तोपंत के जीवन के संस्मरण सुनाते हुए युवाओं से उनके जीवन के सिद्धांत अपनाने की अपील की। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन ने कहा कि दत्तोपंत के जीवन से आज हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने कभी भी किसी पद, नाम या स्वार्थ के लिए कोई काम नहीं किया। बल्कि हमेशा राष्ट्रहित को आगे रखा। भारतीय मजदूर संघ की केंद्रीय महिला प्रभारी इंदु नायर ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पक्षधर थे। लघु और कुटीर उद्योग की पैरवी करते थे। आज देश में किसान की हालत ही सबसे बुरी है। किसानों के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। किसानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉल्फिन इंस्टीट्यूट के चेयरमैन अरविंद गुप्ता ने की। कार्यक्रम में दायित्वधारी नरेश बंसल, इद्रमणि गैरोला, अजीत चौधरी, पंकज शर्मा, प्रवीण ममगाई, मुकेश नेगी, आरती थापा, धीरेंद्र चौहान, रामकुमार चौधरी, आधार वर्मा, सुशीला खत्री आदि लोग मौजूद थे।


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