कोरोना के बीच राहत भरी खबर, उत्तराखंड में शिशु मृत्यु दर में आया सुधार
उत्तराखंड ने शिशु मृत्यु दर (आइएमआर) में और सुधार लाने में सफलता पाई है। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर अब प्रति हजार में 31 पहुंच गई है। पहले यह प्रति हजार में 32 थी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड के लिए एक राहत भरी खबर है। प्रदेश ने शिशु मृत्यु दर (आइएमआर) में और सुधार लाने में सफलता पाई है। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर अब प्रति हजार में 31 पहुंच गई है। पहले यह प्रति हजार में 32 थी। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी इसमें कमी दर्ज की गई है। पहले यह दर 33 थी जो अब 32 पहुंच गई है। वहीं प्रदेश में मातृ मृत्यु दर प्रति लाख में 89 है।
प्रदेश में उत्तराखंड में शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्ष 2016 में प्रति एक हजार शिशुओं में 38 नवजातों की मौत हो जाती थी। वर्ष 2017 में किए गए सर्वे की रिपोर्ट बीते वर्ष यानी 2019 में जारी की गई थी। इसमें शिशु मृत्यु दर में छह अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
यह आंकड़ा प्रति 1000 शिशुओं पर आकड़ा 32 तक पहुंच गया था। शनिवार को वर्ष 2018 के सर्वे का आंकड़ा जारी किया गया। इसमें यह दर एक अंक और नीचे आकर 31 पहुंच गई है। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने खासी राहत की सांस ली है। एनएचएम निदेशक युगल किशोर पंत ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप शिशु मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने वर्ष 2020 तक शिशु मृत्यु दर को 30 प्रति हजार लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मातृ मृत्यु दर में भी बीते वर्ष काफी सुधार देखने को मिला था।
बीते चार वर्षो में शिशु मृत्यु दर
- वर्ष 2015- 34
- वर्ष 2016 - 38
- वर्ष 2017 - 32
- वर्ष 2018- 31
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में प्राइवेट नर्सिंग होम और ओपीडी खुलवाने की चुनौती