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कोराना संक्रमितों की रिकवरी दर में हुआ सुधार, व्यवस्थाओं के मोर्चे पर जूझ रहे अधिकारियों को राहत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति बदली है। एक ओर जहां संक्रमितों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है वहीं रिकवरी दर में भी सुधार हुआ है। रिकवरी की बढ़ती चाल ने दिया कुछ हद तक सिस्टम को भी सुकून दिया है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 10:35 PM (IST)
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था।

देहरादून,जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति बदली है। एक ओर जहां संक्रमितों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, वहीं रिकवरी दर में भी सुधार हुआ है। रिकवरी की बढ़ती चाल ने दिया कुछ हद तक सिस्टम को भी सुकून दिया है। एक वक्त पर जहां एक्टिव केस साढ़े बारह तक पहुंच गए थे, अब इसमें लगातार कमी आ रही है। जिससे व्यवस्थाओं के मोर्चे पर जूझ रहे अधिकारियों को भी राहत मिली है। 

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उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था। शुरुआती दौर में संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन जमातियों के यहां पहुंचने के बाद से मामले तेजी से बढ़ने शुरू हो गए और ग्राफ ऊपर चढ़ गया। फिर किसी तरह से हालात पर काबू पाया, लेकिन लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद प्रवासियों के लौटने का सिलसिला शुरू हुआ, तो कोरोना वायरस का प्रसार कई गुना बढ़ गया। स्थिति दिनोंदिन भयावह होती चली गई। यहां तक कि शुरुआती दौर में कोरोना मुक्त रहे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र भी एक-एक कर इस बीमारी की जद में आ गए। पर जुलाई शुरू होते-होते स्थिति फिर सामान्य होने लगी थी। एक बारगी यह लगने लगा कि उत्तराखंड में जल्द ही हालात नियंत्रण में आ जाएंगे। पर यह उम्मीद कुछ ही दिन तक रही। लॉकडाउन खत्म हुआ और अनलॉक शुरू। तमाम रियायतों का अब प्रतिकूल असर होने लगा था। जहां एक वक्त पर उत्तराखंड संक्रमण दर, रिकवरी रेट, मृत्यु दर आदि में बेहतर स्थिति में खड़ा दिख रहा था, एकाएक पूरी गणित गड़बड़ा गई। पर अब संक्रमित मरीजों के रिकवरी में सुधार होने से सिस्टम राहत जरूर महसूस कर रहा है।

सितंबर माह की ही बात करें तो इस दौरान कोरोना के 26454 मामले आए हैं। वहीं 21041 मरीज डिस्चार्ज होकर घर भी चले गए हैं। अनलॉक-4 में सर्वाधिक कोरोना मरीज मिलने के बाद भी रिकवरी दर में 6.24 प्रतिशत का सुधार आया है। वर्तमान समय में रिकवरी दर करीब 75 फीसद तक पहुंच चुकी है।

रिकवरी दर की स्थिति

  • एक सितंबर-68.69
  • दो सितंबर-67.99
  • तीन सितंबर-67.38
  • चार सितंबर-67.1
  • पांच सितंबर-66.70
  • छह सितंबर-67.29 
  • सात सितंबर-67.02 
  • आठ सितंबर-66.96
  • नौ सितंबर-67.11
  • दस सितंबर-66.55 
  • 11 सितंबर-66.49
  • 12 सितंबर-66.03 
  • 13 सितंबर-65.81 
  • 14 सितंबर-66.87 
  • 15 सितंबर-67.09 
  • 16 सितंबर-67.54 
  • 17 सितंबर-66.80 
  • 18 सितंबर-68.66 
  • 19 सितंबर-67.29 
  • 20 सितंबर-67.93 
  • 21 सितंबर-69.42 
  • 22 सितंबर-70.59 
  • 23 सितंबर-71.19 
  • 24 सितंबर-72.41 
  • 25 सितंबर-74.21
  • 26 सितंबर-74.87

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एक्टिव केस भी हुए कम 

स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि एक्टिव केस पर नियंत्रण है। सितंबर में ही एक वक्त पर एक्टिव केस साढ़े बारह हजार पहुंच गए थे। पर अब इसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है। हाल में यह संख्या ग्यारह हजार से नीचे आ चुकी है। एक्टिव केस बढ़ने का नुकसान यह था कि एक-एक कर सारी व्यवस्थाएं डगमगाने लगी थी। राजधानी दून में ही मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड व आइसीयू कम पड़ रहे थे। जिससे सिस्टम की भी बेचैनी बढ़ती जा रही थी। पर पिछले कई दिन से ऐसा हो रहा है कि जितने लोग संक्रंमित मिल रहे हैं उससे ज्यादा स्वस्थ हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों को भी व्यवस्थाओं में जान फूंकने का कुछ और वक्त मिल गया है। 

पॉजिटिविटी रेट में कमी 

उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक हुए 28 सप्ताह बीच चुके हैं। गुजरे सप्ताह (20 सितंबर-26 सितंबर) कोरोना को लेकर मिलीजुली स्थिति रही है। इस दौरान 7676 मरीज स्वस्थ हुए हैं। यह एक सप्ताह में स्वस्थ हुए मरीजों का सर्वाधिक आंकड़ा है। चिंता इस बात की है कि इस दरमियान टेस्टिंग में कुछ कमी आई है। 27 वें हफ्ते की 26वें सप्ताह से तुलना करें तो 10769 टेस्ट कम हुए हैं। पर पॉजिटिविटी रेट का साप्ताहिक आकलन करें तो स्थिति कुछ सुधरी है। 27वें सप्ताह में पॉजिटिविटी रेट करीब 12 फीसद पहुंच गया था। पर 28वें सप्ताह यह 8.38 फीसद रहा है। यानी करीब साढ़े तीन फीसद की कमी आई है। चिंताजनक पहलू ये है कि 28वें सप्ताह सबसे ज्यादा 88 मरीजों की मौत हुई है। यह किसी एक सप्ताह में मरने वालों का सर्वाधिक आंकड़ा है।

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