Move to Jagran APP

खिलाड़ियों की ली सुध तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन में हुआ सुधार

खेल विभाग ने खिलाड़ियों की सुध ली तो राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रदर्शन सुधर गया। तृतीय खेलो इंडिया यूथ गेम्स में प्रदेश के खिलाड़ियों से यह साबित भी कर दिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:16 AM (IST)
खिलाड़ियों की ली सुध तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन में हुआ सुधार

देहरादून, निशांत चौधरी। जैसी सुविधा दोगे वैसे ही परिणाम मिलेंगे। यह उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने गुवाहटी में आयोजित तृतीय खेलो इंडिया यूथ गेम्स में साबित कर दिया। इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण समेत 19 पदक जीतकर 19वां पायदान हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। 

loksabha election banner

पिछले वर्ष उत्तराखंड की झोली में कुल 12 पदक थे। प्रदर्शन में इस सुधार के पीछे खिलाड़ियों की मेहनत के साथ ही खेल विभाग के प्रयास को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। जिम्मेदारों ने खिलाड़ियों की सुध ली तो खिलाडिय़ों ने भी उन्हें निराशा नहीं किया। 

अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों को टीए और डीए भी जारी किया जा रहा है। साथ ही उनकी अन्य सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। अगर सरकार का खेल और खिलाडिय़ों के सुधार के लिए यही सकारात्मक रवैया रहा तो भविष्य में भी उत्तराखंड के प्रदर्शन में सुधार होना तय है। 

अधिकारियों का ये रवैया 

तृतीय खेलो इंडिया के तहत आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों  के प्रदर्शन और अधिकारियों के रवैये के कारण चर्चा में रही। इस प्रतियोगिता में नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी उपनिदेशक खेल सतीश सर्की के पास थी। अन्य अधिकारियों के मुताबिक नोडल अधिकारी ने अधिकांश समय आयोजन स्थल की बजाए होटल में ही बिताना बेहतर समझा। 

सोशल मीडिया में वहां के पर्यटन स्थलों में पिकनिक मनाते अधिकारियों की फोटो इसकी सच्चाई बयां करने के लिए काफी है। ड्यूटी को ताक पर रख ऐसा करना गैर जिम्मेदारी की श्रेणी में आता है। इसमें स्वयं वे ही नहीं बल्कि अन्य अधिकारियों का भी रवैया ऐसा ही दिखा। 

हालांकि, खिलाड़ियों ने मैदान में खूब पसीना बहाया और उत्तराखंड की झोली में 19 पदक डाले। मगर सवाल उठ रहे हैं अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर। अधिकारी अगर खेल गतिविधियों पर ध्यान देने के बजाय पिकनिक मनाने में व्यस्त हों तो उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगना ही है। 

आखिर कब लेंगे सुध 

खेल विभाग और उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के बीच समन्वयक की कमी का खमियाजा सहायक खेल प्रशिक्षक पद के अभ्यर्थी भुगत रहे हैं। अधिमान के साथ पास हुए इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति में अड़ंगा लगा हुआ है। स्थिति यह है कि 57 में से कुल 19 का ही खेल निदेशालय स्तर पर सत्यापन किया गया है। 

अब 38 अभ्यर्थियों का भविष्य कार्मिक विभाग के रहमो-करम पर है। खेल विभाग ने सेवा नियमावली में संशोधन कर अधिमान (अनुभव) के अंक अनिवार्य रूप से परिणाम में जोडऩे का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा है। अगर इसे स्वीकृति मिलती है तो ही बाकी अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति मिल पाएगी। 

सवाल यह है कि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलेगी कब। खेल और अधीनस्थ आयोग के समन्वयक की कमी का नतीजा अभ्यर्थी कब तक झेलते रहेंगे। डेढ़ साल पहले हुई परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद भी अभ्यर्थी नियुक्ति को भटक रहे हैं। 

कहां है फुटबॉल ऐकेडमी 

खेल मंत्री की घोषणा को धरातल नहीं मिल पा रहा है। फुटबॉल के खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधा देने के लिए पिछले वर्ष खेल महाकुंभ में खेल मंत्री अरविंद पांडे ने फुटबॉल ऐकेडमी खोलने की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत यह है कि ऐकेडमी के लिए अभी भी जमीन तलाशी जा रही है। 

उत्तराखंड ने फुटबॉल में कई जाने-माने खिलाड़ी दिए हैं, लेकिन आज भी इस खेल के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग का अभाव है। खेल महाकुंभ से चयनित फुटबॉल प्रतिभाओं को प्रोफेशनल ट्रेनिंग देने के लिए खेल मंत्री ने प्रदेश में पहली फुटबॉल ऐकेडमी खोलने की घोषणा की थी। 

यह भी पढ़ें: सीएम और डीजी की जोड़ी ने जीता बैडमिंटन का उद्घाटन मुकाबला

इसमें खिलाड़ियों को तराशने के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। साथ ही खिलाड़ियों के रहने-खाने सहित शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन विभाग सीएसआर के तहत मिली धनराशि को दबाकर बैठा है। अधिकारियों की निष्क्रिय कार्यप्रणाली ही है कि विभाग के मुखिया की घोषणा को भी तव्वजो नहीं मिल रही।

यह भी पढ़ें: खेल महाकुंभ: वॉलीबॉल में नैनीताल और हरिद्वार ने जीता खिताब


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.