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IMA POP 2023: देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करना उत्‍तराखंड की परंपरा, तस्‍वीरों में देखें वीर जांबाजों का शौर्य

IMA POP 2023 बात जब भी देश के सरहदों की हिफाजत की होती है तो इसमें उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में शनिवार को अंतिम पग भरते ही 331 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 10 Jun 2023 10:09 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 10:09 AM (IST)
IMA POP 2023: देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करना उत्‍तराखंड की परंपरा, तस्‍वीरों में देखें वीर जांबाजों का शौर्य
IMA POP 2023: आइएमए में अंतिम पग भरते ही 331 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए।

जागरण संवाददाता, देहरादून : IMA POP 2023: भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में शनिवार को अंतिम पग भरते ही 331 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही सात मित्र देशों के 42 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने परेड की सलामी ली।

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वहीं बात जब भी देश के सरहदों की हिफाजत की होती है तो इसमें उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना देवभूमि की पुरानी परंपरा रही है।

सेना में सिपाही हो या फिर अधिकारी, उत्तराखंड का दबदबा कायम है। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट की संख्या भी इस सच्चाई को बयां करती है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है।

दशकों पूर्व से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। उत्तराखंडी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा इस बात में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं कि उत्तराखंडी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है।

सैन्य अकादमी में साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में इसकी झलक देखने को मिलती है। पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई पासिंग आउट परेड हो, जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न रही हो।

राज्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 प्रतिशत

यहां यह बात गौर करने वाली है कि राज्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 प्रतिशत है। यदि इसकी तुलना सैन्य अकादमी से शनिवार को पास आउट होने वाले 331 भारतीय कैडेटों से करें तो इसमें राज्य के सहयोग का स्तर 25 कैडेटों के साथ तकरीबन आठ प्रतिशत है। इस मुकाबले अधिक जनसंख्या वाले राज्य भी उत्तराखंड के सामने कहीं ठहरते नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या सबसे अधिक पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या भले ही सबसे अधिक 63 है, मगर इसकी तुलना वहां की आबादी के हिसाब से करें तो भारतीय सेना को जांबाज देने में अपना उत्तराखंड ही अव्वल नजर आता है, क्योंकि उप्र की आबादी का प्रतिशत देश की कुल आबादी का 16 प्रतिशत है, जो उत्तराखंड से कई गुणा अधिक है।

उप्र व उत्तराखंड के अलावा बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों की भी पासिंग आउट परेड में खासी उपस्थिति दिखेगी। प्रधानमंत्री के गृह राज्य से दो कैडेट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से सेना को इस बार दो युवा अफसर मिलेंगे। अकादमी में इससे पहले हुई तमाम पीओपी के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात से बहुत कम संख्या में ही युवा फौज ज्वाइन करते हैं। सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश व अंडमान निकोबार ऐसे राज्य हैं जहां से इस बार कोई कैडेट पास आउट नहीं हो रहा है।


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