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पता अपडेट नहीं करवाया तो नहीं मिलेगा बीमा का लाभ, जानिए कई अन्‍य जरूरी बातें

गैस कंपनियां अपने उपभोक्ताओं को नया कनेक्शन लेने के साथ ही इंश्योरेंस कवर भी देती हैं। मगर बहुत कम ही लोगों को इसकी जानकारी होती है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:06 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 10:06 AM (IST)
पता अपडेट नहीं करवाया तो नहीं मिलेगा बीमा का लाभ, जानिए कई अन्‍य जरूरी बातें
पता अपडेट नहीं करवाया तो नहीं मिलेगा बीमा का लाभ, जानिए कई अन्‍य जरूरी बातें

देहरादून, आयुष शर्मा। अगर आपने अपना घर या कमरा बदल लिया है तो इसकी जानकारी अपनी गैस एजेंसी को भी दें। यदि कोई अनहोनी हो जाती है तो पुराने पते के आधार पर आपको गैस कंपनी की तरफ से मिलने वाले बीमा का लाभ नहीं मिल सकेगा। गैस कंपनियां अपने उपभोक्ताओं को नया कनेक्शन लेने के साथ ही इंश्योरेंस कवर भी देती हैं। मगर बहुत कम ही लोगों को इसकी जानकारी होती है। इसीलिए दुर्घटना होने पर कई लोग जानकारी के अभाव में अपना हक नहीं ले पाते।

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लॉकडाउन के बाद से देहरादून में गैस कंपनियों ने कैश एंड कैरी व्यवस्था बंद कर दी है। रसोई गैस की होम डिलीवरी के दौरान विभिन्न गैस एजेंसी में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें उपभोक्ता अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिले। पटेलनगर स्थित चुग गैस एजेंसी संचालक विरेश मित्तल ने बताया कि कई उपभोक्ता अपना घर बदल चुके हैं, लेकिन उनका पता अपडेट नहीं होने के कारण पुराने पते पर ही गैस की डिलीवरी भेजी गई। उपभोक्ता के पंजीकृत पते पर ना मिलने के बाद उन्हें फोन किया गया और नए पते पर सिलेंडर भिजवाना पड़ा। आइओसी के क्षेत्रीय सेल्स मैनेजर सुधीर कश्यप ने बताया कि अगर गैस एजेंसी में उपभोक्ता का पता अपडेट नहीं है तो कोई अनहोनी की स्थिति में उसे बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए पता अपडेट कराना जरूरी है।

(फोटो: सुधीर कश्यप, आइओसी के क्षेत्रीय सेल्स मैनेजर)

प्रति व्यक्ति छह लाख रुपये का अधिकतम बीमा

अनहोनी की स्थिति में प्रति व्यक्ति अधिकतम छह लाख तक का बीमा मिलता है। हालांकि, इसके लिए पहले गैस कंपनी एवं बीमा कंपनी की संयुक्त टीम पूरी जांच करती है। सुधीर कश्यप ने बताया कि यह जरूरी नहीं हर दुर्घटना पर पूरा क्लेम मिले। इसकी पहली शर्त ही यह है कि दुर्घटना गैस सिलेंडर से होनी चाहिए। अगर जांच में बिजली या कोई दूसरा कारण सामने आया तो क्लेम रद भी हो सकता है।

ऐसे मिलता है लाभ

दुर्घटना होने पर उपभोक्ता को सबसे पहले पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, अपनी गैस एजेंसी और गैस कंपनी को सूचना देनी होती है। इसके बाद मौके पर आकर गैस कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी समेत दूसरे विभागों की संयुक्त टीम जांच करती है। उपभोक्ताओं को पुलिस को दी गई तहरीर की कॉपी, फायर स्टेशन को दी गई सूचना की कॉपी, जिसके नाम पर कनेक्शन हो, उसका आधार कार्ड या कोई दूसरी आइडी, बिजली या पानी का बिल टीम के पास जमा करना होता है। उपभोक्ता की शिकायत की अनदेखी होने पर उपभोक्ता फोरम में भी यही सारे दस्तावेज एवं साक्ष्य जमा कर बीमा क्लेम किया जा सकता है।

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सिलेंडर लेते हुए इन बातों का ध्यान रखें

उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर लेते समय सिलेंडर का भार, लीकेज, सिलेंडर की नेक पर लगी रबर का ध्यान रखना चाहिए। रबर और पिन में फॉल्ट के चलते लीकेज होती है। सुधीर कश्यप ने बताया कि अगर इसमें कोई भी फाल्ट हो तो सिलेंडर वापस किया जा सकता है। इसके अलावा जंक लगा सिलेंडर भी नहीं लेना चाहिए। सिलेंडर पर उसकी उम्र का भी जिक्र होता है, अगर डिलीवरी ब्यॉय पांच साल से पुराना सिलेंडर दे रहा है तो उसे भी वापस किया जा सकता है।

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