आइएएस अफसर भूपेंद्र कौर औलख ने लिया वीआरएस, पढ़िए
आइएएस अफसर भूपेंद्र कौर औलख ने वीआरएस ले लिया हैं। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इस बाबत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की और से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1997 बैच की अधिकारी एवं शासन में सचिव सिंचाई डॉ.भूपिंदर कौर औलख ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। यह मंजूर भी हो गई है। डॉ. औलख ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को ज्वाइन किया है।
बता दें कि पिछले तीन साल के दरम्यान डॉ.औलख तीसरी आइएएस हैं, जिन्होंने नौकरी छोड़ी है। इससे पहले आइएएस डॉ.राकेश कुमार व डॉ. उमाकांत पंवार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। डॉ. कुमार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ज्वाइन किया, जबकि डॉ.पंवार मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार का जिम्मा संभाल रहे हैं।
आइएएस डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर जाने को शासन से अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिल पाई। इसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इस सबंध में शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिसूचना भी जारी कर दी। डॉ.औलख विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)में डिप्टी हेड आफ कंट्री ऑफिस के पद बांग्लादेश में तैनात हुई हैं। पूर्व में भी वह तीन साल तक विश्व स्वास्थ्य संगठन में प्रतिनियुक्ति पर रह चुकी हैं।
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उत्तराखंड में इस बार तबादलों का शून्य सत्र होने की संभावना प्रबल
प्रदेश में इस वर्ष तबादलों के लिहाज से शून्य सत्र घोषित होने के पूरे आसार बन गए हैं। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए इसे शून्य सत्र घोषित करने की सिफारिश की है। संबंधित पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई हैं। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। उत्तराखंड में तबादलों के लिए प्रक्रिया नियमानुसार मार्च माह में शुरू हो जाती है। 31 मार्च तक विभागीय स्तर पर कार्मिकों का चिह्नीकरण करना होता है। एक अप्रैल को शासन, विभाग, मंडल और जिला स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन हो जाता है। 15 अप्रैल तक प्रत्येक संवर्ग के सुगम व दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल, पात्र कर्मचारियों व उपलब्ध एवं संभावित रिक्तियों की सूची वेबसाइट पर डाल दी जाती है।
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