रिपोर्ट फाइनल होने से पहले आइएएस एसोसिएशन सक्रिय
आइएएस अधिकारियों के लगातार जांच के दायरे में आने और उन पर कसते शिंकजे के बीच आइएएस एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राधा रतूड़ी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है। एसोसिएशन ने अब इस मसले पर अपर मुख्य सचिव के जरिये मुख्यमंत्री से मिलने का भी समय मांगा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आइएएस अधिकारियों के लगातार जांच के दायरे में आने और उन पर कसते शिंकजे के बीच आइएएस एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राधा रतूड़ी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है। एसोसिएशन ने अब इस मसले पर अपर मुख्य सचिव के जरिये मुख्यमंत्री से मिलने का भी समय मांगा है। वहीं, एसआइटी की फाइनल रिपोर्ट आने से पहले एसोसिएशन की इस कवायद के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रदेश में इस समय भाजपा सरकार सुशासन की राह पर चल रही है। इस कड़ी में चल रही जांच में आइएएस अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। एनएच 74 घोटाले में जहां दो आइएएस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं तो वहीं एमडीडीए में हुए कार्यो को लेकर वीसी के रूप में तैनात आइएएस अधिकारी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। इतना ही नहीं, अब कुछ अन्य जांच भी आइएएस अधिकारियों की पेशानी पर बल डाले हुए है। अभी तक जो मामले सामने आए हैं उनमें आइएएस अधिकारियों ने एक आर्बिट्रेटर की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो आइएएस अधिकारी इसी को आधार बना रहे हैं। उनका कहना है कि आर्बिट्रेटर की भूमिका एक जज की तरह होती है ऐसे में इन निर्णयों पर कैसे सवाल उठाया जा सकता है। इस कड़ी में गुरुवार को आइएएस अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन के नेतृत्व में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राधा रतूड़ी से मुलाकात की।
प्रमुख सचिव गृह और एसोसिएशन के सचिव आनंद वर्द्धन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सेवा संबंधी मामलों को लेकर दोनों अधिकारियों से मुलाकात की गई थी।