चौबटिया उद्यान निदेशालय अब बनेगा रिसर्च सेंटर
कृषि एवं उद्यान विभाग के एकीकरण की अंतिम दौर में पहुंच चुकी कवायद के बीच उद्यान विभाग के चौबटिया (रानीखेत) स्थित निदेशालय को समाप्त करने की तैयारी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
कृषि एवं उद्यान विभाग के एकीकरण की अंतिम दौर में पहुंच चुकी कवायद के बीच उद्यान विभाग के चौबटिया (रानीखेत) स्थित निदेशालय को समाप्त करने की तैयारी है। उद्यान निदेशालय को रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। वहां के कार्मिकों को एकीकरण के पश्चात गठित होने वाले कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग में दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए उनसे विकल्प मांगे जाएंगे।
पहाड़ में औद्यानिकी को कृषि से जोड़कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से वर्ष 1953 में चौबटिया में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय स्थापित किया गया। शुरुआती दौर में इसका फायदा भी मिला, लेकिन बाद में सिस्टम की बेपरवाही इस राह में बाधक बनने लगी। उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद औद्यानिकी को आर्थिकी का अहम जरिया बनाने की बात हुई तो लगा कि उद्यान निदेशालय को सशक्त बनाया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हो पाया।
विभाग के पुनर्गठन में निदेशालय में विभिन्न संवर्गाें के करीब तीन दर्जन पद समाप्त कर इन्हें देहरादून में सृजित कर दिया गया। नतीजतन निदेशालय महत्वहीन होता चला गया। तमाम पद अभी भी देहरादून से संबद्ध किए गए हैं। आज भी निदेशालय के सभी महत्वपूर्ण कार्य देहरादून से ही चल रहे हैं। आलम ये है कि निदेशालय में निदेशक के कभी-कभार ही दर्शन हो पाते हैं। नतीजतन, यह सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने तक सिमटा है।
अब जबकि, कृषि और उद्यान विभाग का एकीकरण कर कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग बनाने का निर्णय सरकार ले चुकी है तो उद्यान निदेशालय का अस्तित्व भी खत्म होना तय है। निदेशालय के भवन को रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर के रूप में उपयोग करने का निश्चय किया गया है। इसे लेकर सहमति बन चुकी है।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक चौबटिया में एक पद संयुक्त निदेशक कृषि एवं कृषक कल्याण रखा जाना प्रस्तावित है। शेष कार्मिकों को एकीकृत विभाग में अन्यत्र भेजा जाएगा। इसके लिए उनसे विकल्प मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि चौबटिया स्थित उद्यान निदेशालय के भवन में पहाड़ में बागवानी को बढ़ावा देने उद्देश्य से शोध होंगे। साथ ही वहां कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी।