होम स्टे: पुनर्निमाण में लैंड यूज बदलने की नहीं पड़ेगी जरूरत
सरकार अब राज्य में होम स्टे योजना को रफ्तार देने के लिए खासी राहत देने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सरकार अब राज्य में होम स्टे योजना को रफ्तार देने के लिए खासी राहत देने जा रही है। इसके तहत पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए ऋण लेने को लैंड यूज बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं, ऋण लेते समय जमीन को बंधक रखते को सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को भी माफ करने की तैयारी है।
प्रदेश सरकार इस समय होम स्टे योजना को गति देने की दिशा में काम कर रही है। दरअसल, सरकार ने पलायन को रोकने और स्थानीय लोगों को गांवों में ही रोजगार देने के उद्देश्य से होमस्टे योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में काफी काम भी हुआ है लेकिन इसके लिए ऋण लेने की शर्ते इसे रफ्तार देने में रोड़ा बन रही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें बैंकों द्वारा ऋण लेने में आ रही है। सरकार ने होम स्टे योजना के तहत भवन निर्माण कराने के लिए ऋण लेने पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया हुआ है। बैंक से ऋण लेने से पहले कई प्रकार की प्रक्रिया आड़े आ रही है। इसके बाद होम स्टे योजना शुरू करने के इच्छुक लोगों ने इस पर राहत देने की मांग की, जिस पर सरकार काम कर रही है। लैंड यूज बदलने की अनिवार्यता को लेकर मुख्यमंत्री कुछ समय पहले ही इससे छूट देने की बात कह चुके हैं। सूत्रों की मानें तो पर्यटन विभाग ने इस पर काफी काम भी कर लिया है। अभी ऋण लेने के लिए जमीन गिरवी रखनी पड़ती है, जिस पर सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी सरकार द्वारा ली जाती है। हालांकि, सरकार द्वारा दी जा रही छूट इससे कहीं अधिक है। बावजूद इसके स्टांप ड्यूटी को हटाने की मांग की जा रही थी जिस पर काफी हद तक सहमति बन चुकी है। इसके अलावा पहले ऋण लेने के लिए निजी लैंड यूज को बदलकर व्यावसायिक करना होता था। अब पुराने भवनो की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए लैंड यूज की अनिवार्यता को समाप्त करने में तकरीबन सहमति बन चुकी है। यह मामला पहले बुधवार को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में लाया जाना था। बैठक स्थगित होने के बाद अब इसे आगामी बैठक में लाए जाने की संभावना है।