उत्तराखंड: होमगार्ड को कोरोना योद्धा के रूप में नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, कोविड काल में निभाई अहम भूमिका
कोरोना काल के दौरान बेहतर कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि दी गई। वहीं इस अवधि में अहम भूमिका निभाने वाले होमगार्ड को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया है। इस दौरान वे भी पुलिस के साथ दिन-रात चौराहों और अस्पतालों के बाहर अहम योगदान दे रहे थे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना काल के दौरान बेहतर कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि दी गई। वहीं, इस अवधि में अहम भूमिका निभाने वाले होमगार्ड को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया है। इस दौरान वे भी पुलिस के साथ दिन-रात चौराहों और अस्पतालों के बाहर अहम योगदान दे रहे थे। प्रदेश सरकार ने हाल ही में कोरोना के दौरान बेहतर कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि दी गई। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस विभाग तक को कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि दी गई।
कोरोना काल में आशा कार्यकर्त्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व राजस्व कर्मियों की भूमिका को अहम मानते हुए उन्हें भी प्रोत्साहन राशि जारी की गई। कुछ समय पहले सरकार ने जब पुलिस कर्मियों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की तो यह माना गया कि होमगार्ड को भी यह सहायता मिलेगी। दरअसल, होमगार्ड का काम भी तकरीबन पुलिस के समान है। उनकी कार्य नियमावली में भी इसका विस्तृत विवरण है।
कोरोना काल में जब लाकडाउन का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों की कमी महसूस की जा रही थी, उस समय होमगार्ड को इस कार्य में लगाया गया। इनमें वे होमगार्ड भी शामिल थे जो विभिन्न कार्यालयों में तैनात थे। चूंकि कार्यालय भी लाकडाउन के कारण बंद थे, इसलिए होमगार्ड निदेशालय ने इन होमगार्ड को सड़कों पर उतार दिया था। इन्हीं के बूते दिन-रात लाकडाउन का अनुपालन कराना सुनिश्चित किया गया।
सरकार ने पुलिस को प्रोत्साहन राशि वितरित की, लेकिन होमगार्ड को सहायता के दायरे से बाहर रखा गया है। इसे लेकर होमगार्ड में आक्रोश भी है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह आनंद वद्र्धन का कहना है कि होमगार्ड की ओर से इस संबंध में मांग पत्र प्राप्त हुआ है। इसका परीक्षण कराते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी।
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