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हिमालय के कई ग्लेशियर का बढ़ रहा आकार

जागरण संवाददाता, देहरादून : हिमालय केकुछ ग्लेशियर का आकार बढ़ रहा है। हालांकि कुछ ग्

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 09:43 PM (IST)
हिमालय के कई ग्लेशियर का बढ़ रहा आकार
हिमालय के कई ग्लेशियर का बढ़ रहा आकार

जागरण संवाददाता, देहरादून : हिमालय केकुछ ग्लेशियर का आकार बढ़ रहा है। हालांकि कुछ ग्लेशियर का आकार घट भी रहा है। जिसका बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिग माना जा रहा है। वैज्ञानिक मुख्यत: ग्यारह हिमालयी ग्लेशियरों के बारे में मानिट¨रग कर रहे हैं। यह बात यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ.राजेंद्र डोभाल ने मौसम परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिग-52 एपिसोड रेडियो सीरियल पर दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम में कही।

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उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), केंद्र सरकार के विज्ञान प्रसार व केंद्र के प्रसार भारती एवं ऑल इंडिया रेडियो के संयुक्त तत्वावधान में यूकॉस्ट के झाझरा स्थित विज्ञान धाम में मौसम परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिग पर मंथन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल के सचिव रविनाथ रमन ने कहा कि आम जनमानस तक मौसम विज्ञान जैसे जटिल विषय की जानकारी आसानी तक पहुंच सके ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए। इसके प्रसार में रेडियो अहम भूमिका निभा सकता है। केंद्र के विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक डॉ.बीके त्यागी ने रेडियो प्रोग्राम जिसको विज्ञान प्रसार मदद कर रहा है उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी। पूर्व पीसीसीएफ वन विभाग डॉ.आरबीएस रावत ने मौसम के बारे में आम लोगों तक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ऑल इंडिया रेडियो को अहम बताया। उन्होंने वर्ष 2013 में केदारनाथ हादसे में जंगलों के कटान, अनियोजित पर्यटन, निर्माण कार्य एवं ग्रीन गैसों का उत्सर्जन व केदारघाटी में हेलीकाप्टरों के अंधाधुंध प्रयोग को त्रासदी का कारण बताया। मंथन में ऑल इंडिया रेडियो प्रसार भारती के अपर महानिदेशक डॉ.राजशेखर, निदेशक सीएसआइआर नई दिल्ली डॉ.मनोज पटारिया, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.डीपी उनियाल ने भी विचार व्यक्त किए।


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