हिमालय के संरक्षण को जन सहभागिता जरूरी
हिमालय दिवस पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संदेश जारी किए। राज्यपाल ने कहा कि जीवन को सुरक्षित करने के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
हिमालय दिवस पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संदेश जारी किए। राज्यपाल ने कहा कि जीवन को सुरक्षित करने के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रदेशवासियों से हिमालय संरक्षा को शत-प्रतिशत योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिमालय सिर्फ एक पर्वत माला नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता का महान केंद्र भी है। सरकार के प्रयासों के साथ ही सभी को अपनी सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में हिमालय संरक्षण में महत्वपूर्ण भमिका निभानी होगी। स्कूल, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण है। इन औषधीय वनस्पतियों के संतुलित उपयोग के साथ इनके संरक्षण और संवर्द्धन पर भी ध्यान देना होगा। हिमालयी क्षेत्रों में प्लास्टिक व इससे निर्मित पदार्थो, पालीथीन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नदी और जल स्रोतों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाकर पर्यावरण अनुकूल उपायों को अपना कर हिमालय संरक्षण में योगदान करना होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालय हमारे जीवन के सरोकारों से जुड़ा हुआ है। हमारी संस्कृति हिमालय से प्रभावित है। हिमालय पवित्रता का भी प्रतीक है। यह हमारा भविष्य और विरासत दोनों ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की परिकल्पना बिना हिमालय के नहीं हो सकती। हिमालय अपनी नदियों और जलवायु से पूरे देश को एक सूत्र में पिरोता है। हिमालय उत्तराखंड के लिए वरदान है। हिमालय के संरक्षण के लिए जन सहभागिता की जरूरत है।