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हिलांस मेले में उमड़े सैकड़ों किसान

संवाद सूत्र, कालसी : किसान समृद्धि योजना के तहत आयोजित हिलांस किसान मेले में कृषि के साथ अलग

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 07:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:44 PM (IST)
हिलांस मेले में उमड़े सैकड़ों किसान

संवाद सूत्र, कालसी : किसान समृद्धि योजना के तहत आयोजित हिलांस किसान मेले में कृषि के साथ अलग से रोजगार अर्जित करने के तरीके बताए गए। मेले में आए किसानों को केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की गई। इस दौरान प्राइवेट कंपनियों ने भी प्रशिक्षण दिया। बजट सत्र के चलते प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल मेले में नहीं पहुंच पाए।

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बुधवार को कालसी के पशु चिकित्सालय परिसर में दो दिवसीय मेले का शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख अर्जुन ¨सह ने किया। इस मौके पर लोक कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति से लोगों को अभिभूत कर दिया। अर्जुन ¨सह ने कहा कि सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। मेले में अधिकारियों ने एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के माध्यम से प्रदेश के पर्वतीय जनपदों व ग्रामीण परिवारों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के बारे में बताया। ग्रामीण पर्यटन, हस्तशिल्प, कारीगरी व अन्य व्यवसायों के प्रति लोगों को जागरूक करने की बात मेले में आए किसानों व ग्रामीणों से कही गई।

किसान मेले में ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष रणवीर ¨सह चौहान, स्वराज ¨सह चौहान, उपजिलाधिकारी कालसी अपूर्वा ¨सह चौहान, अपर परियोजना निदेशक विक्रम ¨सह चौहान, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराडी, मुख्य उद्यान अधिकारी संजय श्रीवास्तव, मेले के आयोजक व प्रभागीय परियोजना प्रबंधक ब्रहमकांत भटट, अंशुल करनवाल, संजीव वाही, किरन चौहान, शिव शंकर बिष्ट, प्रतीक उनियाल, बबेन्द्र रावत, हरीश कुकरेती, अतुल नौटियाल, अजय तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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चकराता व कालसी स्टॉल रहे मुख्य आकर्षण

मेले में कालसी विकासखंड के 13 आजीविका संघों के लगभग 28 सौ काश्तकारों और उत्पादक समूह सदस्यों ने भाग लेकर अपने उत्पादों का विपणन किया। जिसमें हाट बाजार चकराता व कालसी के स्टॉल मुख्य आकर्षण का केंद्र बने। मेले में कई कंपनियों ने उन्नत किस्म के कृषि उपकरणों की जानकारी किसानों को दी। किसानों को समझाया कि बेहतर उपज के लिए वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है। लोक नृत्यों ने बांधा समा

लोक कलाकारों ने जौनसारी लोकनृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। मेले में झेंता, रासो व हारुल नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र बने। पौडी व अल्मोडा जनपदों के आजीविका संघों द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटक व लोक गीत की बेहतरीन प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध किया। लोक कलाकारों ने अपने अपने क्षेत्र की वेशभूषा, संस्कृति से परिचय कराया।


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