यहां पहली बार मनाई गई देश के साथ दिवाली, जानने के लिए पढ़ें...
जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के लोगों ने इस वर्ष पहली बार देश के साथ दिवाली मनाई। बता दें कि इस क्षेत्र में देश की दिवाली के एक माह बाद बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज है। लेकिन, इस वर्ष वहां के लोगों ने जमाने के बदलाव को स्वीकार करते हुए, बदलाव
साहिया( विकासनगर)। जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के लोगों ने इस वर्ष पहली बार देश के साथ दिवाली मनाई। बता दें कि इस क्षेत्र में देश की दिवाली के एक माह बाद बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज है। लेकिन, इस वर्ष वहां के लोगों ने जमाने के बदलाव को स्वीकार करते हुए, बदलाव के रास्ते पर कदम बढ़ा दिए। हालांकि उन्होंने पारंपरिक अंदाज में ईको फ्रेंडली दिवाली ही मनाई।
करीब एक माह पहले जौनसार क्षेत्र के खत की बैठक में नौकरीपेशा लोगों ने देश की दिवाली के साथ ही पुराने अंदाज में पर्व मनाने का निर्णय लिया। इस क्रम में जौनसार की खत बाना के छह गांवों में नई दिवाली मनाई गई। पंजिया गांव में नयी दिवाली का अंदाज देखते ही बनता था। बाना खत के गांवों में न पटाखे जलाए गए और न ही दीये, न ही आतिशबाजी की गई, सिर्फ होलियात जलाकर ईको फ्रेंडली दीवाली मनाई गई।
साहिया क्षेत्र के शंभू चौकी में एक माह पहले हुई खत की बैठक में नौकरीपेशा लोगों ने तर्क दिया था कि देश में मनाई जाने वाली दिवाली पर तो सरकार से छुटटी मिल जाती है, लेकिन एक माह बाद मनाए जाने वाली दिवाली पर छुटटी मिलने में दिक्कत आती है।
इसी क्रम में आज खत बाना के छह गांव पंजिया, दुदऊ, बनसार, चापनू, लुंआठा, अमराय के ग्रामीणों ने देश के साथ पहली बार दिवाली मनाई। इन गांवों में दिवाली का जश्न तीन दिन तक चलेगा। आज सुबह पंजिया गांव में मंदिर प्रागंण में होलियात के साथ ग्रामीण पहुंचे।
मंदिर से दूर सार्वजनिक स्थल पर होले जलाए, मशाल जलाई और नाचते गाते पंचायती आंगन में पहुंचने पर महासू शिलगुर विजट देवताओं की वंदना की गई। इस दौरान बाजगियों ने सबसे पहले गांव स्याणा टीकम सिंह चौहान को हरियाली लगाई, फिर सभी गांव के सभी लोगों को हरियाली लगाई गई।
पढ़ें-अगले छह महीने में केदारनाथ और बदरीनाथ को वाईफाई से जोड़ेंगे मुकेश अंबानी