उत्तराखंड में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए बनाई जाएगी हेल्प डेस्क, जानिए क्या होंगे फायदे
प्रदेश में जिला क्षेत्र और ग्राम के 67 हजार से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार नई सौगात देने जा रही है। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए पंचायतीराज निदेशालय में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों (जिला, क्षेत्र और ग्राम) के 67 हजार से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार नई सौगात देने जा रही है। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए पंचायतीराज निदेशालय में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी, जहां वे अपनी बात को प्रमुखता से रख सकेंगे। साथ ही प्रदेश की 622 न्याय पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। हेल्प डेस्क और कॉमन सर्विस सेंटर के संबंध में पंचायतीराज विभाग की ओर से सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वोकल फॉर लोकल' के तहत स्थानीय उत्पादों को बाजार मुहैया कराने को कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये भी मंच उपलब्ध कराया जा सकता है।
सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री सभाकक्ष में प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि हेल्प डेस्क के तहत केंद्रीय मध्यस्थ सहायता सेवा प्रणाली विकसित की जाएगी। यह एक प्रकार से केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली होगी, जो पंचायतों को सहायता और सेवा प्रदान करेगी। पंचायत प्रतिनिधि जहां अपनी समस्याओं को हेल्प डेस्क में रख सकेंगे, वहीं उन्हें विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
हेल्प डेस्क में पंचायतों के लिए तय किए गए 29 विषयों से संबंधित रेखीय विभागों की शिकायतों का संज्ञान भी लिया जाएगा। यह भी जानकारी दी गई कि ग्राम पंचायतों के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की सेवाओं के मद्देनजर 622 न्याय पंचायतों में इन सेंटरों की स्थापना के लिए पंचायतीराज विभाग से अनुबंध किया गया है।
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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रामीण ग्रोथ सेंटरों की संकल्पना को साकार करने में भी कॉमन सर्विस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग की समीक्षा भी की। बताया गया कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हेल्प डेस्क और कॉमन सर्विस सेंटर से संबंधित योजनाओं को धरातल पर आकार देने के प्रयास किए जाएंगे।
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