विदा हो रहा मानसून बरपा रहा कहर, दून में हुई भारी बारिश, केदारनाथ की चोटियों पर बर्फबारी
मौसम ने अचानक करवट बदली और देहरादून के कई इलाकों में मूसलधार बारिश हुई। एक घंटे की तेज बारिश से सड़कों में जलभराव हो गया।
देहरादून, जेएनएन। विदा होने से पहले मानसून के मेघ कहर बरपाने पर आमादा हैं। पहाड़ ही नहीं, बल्कि मैदानी इलाकों में भी इसका असर दिख रहा है। शनिवार सुबह भी मौसम ने अचानक करवट बदली और देहरादून के कई इलाकों में मूसलधार बारिश हुई। एक घंटे की तेज बारिश से सड़कों में जलभराव हो गया, वहीं लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। बता दें कि राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहींं, केदारनाथ की पहाडियों में सीजन का पहला हिमपात हुआ है, जिससे निचले इलाकों में भी हल्की ठंड शुरू हो गई है।
उत्तराखंड के कई हिस्सों में दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं बारिश के बीच केदारनाथ धाम के आस पास की पहाड़ियों में, ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं समेत चोराबाड़ी और वासुकीताल में हिमपात हुआ है। यहां की ऊंची चोटियाें ने सफेद चादर ओढ ली है।
केदारनाथ में भी दिनभर रुक-रुककर होती बारिश के चलते ठंड बढ़ गई है। केदारनाथ में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया। केदारनाथ में मौजूद डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बीते अन्य दिनों की अपेक्षा शनिवार को केदारनाथ में ठंड अधिक महसूस की गई। बताया कि धाम के ऊपरी क्षेत्रों में हिमपात हुआ है।
गौरतलब है कि बीते रोज सुबह क्लेमेनटाउन क्षेत्र से सटे जंगल में बादल फटा। इससे बरसात का पानी अपने साथ भारी मात्रा में मलबा लेकर आबादी में आ घुसा। मुख्य सड़कों से लेकर कॉलोनियों, गली-मोहल्लों व पॉश इलाके में भारी जलभराव होने से लोग दहशत में रहे। भारी बारिश के कारण लोगों के मकानों व नदी किनारे बने पुश्तों को भी नुकसान पहुंचा है।
आपदा प्रबंधन तंत्र फेल
क्लेमेनटाउन में लोग कई घंटे मुसीबतों से जूझते रहे। शुक्रवार सुबह मौसम ने जरूर राहत दी, पर उनका ज्यादातर वक्त सामान समेटते में बीता। लोगों को यह उम्मीद थी कि प्रशासन की टीम उनकी मदद को पहुंचेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इससे लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। क्षेत्रीय विधायक विनोद चमोली मौके पर पहुंचे और बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान वे क्षेत्र में प्रभावितों से भी मिले। जिन्होंने प्रशासन की अनदेखी की शिकायत उनसे की। क्लेमेनटाउन रेजीडेंंशियल वेलफेयर सोसायटी के सचिव महेश पांडे का कहना है कि बारिश से मची तबाही की सूचना जिला आपदा प्रबंधन तंत्र को दी गई थी। लेकिन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा राहत व बचाव कार्य के लिए मौके पर नहीं पहुंचा। लोगों ने जैसे-तैसे खुद को बचाया और अपने आस-पड़ोस के लोगों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाए। कहा कि इसकी शिकायत उच्च स्तर पर की जाएगी।
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तिनका-तिनका समेटते रहे लोग
क्लेमेनटाउन में बारिश के कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ है। कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष सुनील कुमार रात में ही पीडि़तों की मदद को पहुंच गए थे। वह दिन में भी स्थिति का जायजा लेते रहे। उन्होंने बताया कि गोकुलधाम, कश्मीरी हाऊस, गुरुद्वारा कालोनी, भगत निवास, सरस्वती विहार सहित कई अन्य इलाकों में बारिश ने भारी नुकसान हुआ है। पानी तो निकल गया पर घर अभी भी मलबे और कीचड़ से अटे पड़े हैं। उन्होंने बताया कि मुकेश कुमार, एचएस रौतेला, राम, मीना देवी, तिलक राज वर्मा, विरेंद्र भंडारी, गुलाब सिंह बिष्ट, मनमोहन रावत, गोरखनाथ, हीरा लाल,रघुनाथ, लक्ष्मी तिवारी, दलवीर, अरुण डिमरी सहित कई अन्य लोगों के घर पानी भर गया था। जिस कारण घर का अधिकांश सामान भी खराब हो गया है।
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