स्वास्थ्य विभाग के ठेंगे पर कैबिनेट का फैसला, चीन में निर्मित मशीन को लेकर उठने लगे सवाल
राज्य कैबिनेट ने चीन में निर्मित किसी भी प्रकार के उपकरण व पुर्जों की खरीदारी पर रोक का प्रस्ताव पारित किया पर स्वास्थ्य विभाग इस निर्णय को ठेंगा दिखा रहा है। विभाग ने हाल ही में हरिद्वार के लिए कई करोड़ रुपये की एमआरआइ मशीन खरीदी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य कैबिनेट ने चीन में निर्मित किसी भी प्रकार के उपकरण व पुर्जों की खरीदारी पर रोक का प्रस्ताव पारित किया, पर स्वास्थ्य विभाग इस निर्णय को ठेंगा दिखा रहा है। विभाग ने हाल ही में हरिद्वार के लिए कई करोड़ रुपये की एमआरआइ मशीन खरीदी है। चीन में निर्मित इस मशीन को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
देश की सीमा पर चीन की हिमाकत के बाद केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर उत्तराखंड सरकार ने भी पहल की है, जिसके तहत अधिप्राप्ति नियमावली में चीनी कंपनियों को रोकने के लिए प्रविधान किए हैं। लेकिन इस पर अमल नहीं हो पा रहा है। इसी क्रम में अब कुंभ मेला हरिद्वार के लिए चीन निर्मित एमआरआइ मशीन खरीदे जाने पर सवाल उठ रहे हैं। इस बारे में कुछ व्यक्तियों ने स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य महानिदेशक से भी शिकायत की है।
शिकायकर्ता राजेश शर्मा ने बताया कि चीन निर्मित एमआरआइ मशीन की खरीद के आदेश में मुख्यमंत्री और कैबिनेट के फैसले को दरकिनार किया गया है। जिस कंपनी ने निविदा डाली है, उसकी भारत में अभी तक कोई एमआरआइ मशीन स्थापित नहीं है। उत्तराखंड में अधिप्राप्ति नियमावली के अनुसार, निविदा में भाग लेने से पहले डेमो दिखाया जाता है। जब कंपनी की देश में कोई एमआरआइ मशीन ही नहीं है तो डेमो कहां हुआ।
आरोप लगाया कि मशीन की तकनीकी विशेषताएं जानबूझकर इसी कंपनी के प्रभाव में आकर बनाई गई हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि हरिद्वार से जुड़ा मामला संज्ञान में आया है। इस पूरे प्रकरण को दिखवा रहे हैं। ऐसा क्यों और किन परिस्थिति में किया गया, इसकी जानकारी ली जाएगी।
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