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जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को जेल, एक और मुकदमा भी हुआ दर्ज; इसलिए हुई थी गिरफ्तारी

मत विशेष की महिलाओं के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने शनिवार रात उन्हें सर्वानंद घाट स्थित सत्याग्रह स्थल से गिरफ्तार किया था। इस बीच स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह जारी रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 08:47 PM (IST)
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद पर एक और मुकदमा दर्ज।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : मत विशेष की महिलाओं के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने शनिवार रात उन्हें सर्वानंद घाट स्थित सत्याग्रह स्थल से गिरफ्तार किया था। इस बीच, स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह जारी रहा। गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के परमाध्यक्ष एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेन्द्र नारायण त्यागी समेत नौ के विरुद्ध हरिद्वार कोतवाली में भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज हैं।

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यति नरसिंहानंद पर मत विशेष की महिलाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का मुकदमा अलग से दर्ज है। इसी मामले में बीती रात उनकी गिरफ्तारी की गई। दोपहर उन्हें विशेष मजिस्ट्रेट विवेक राणा की अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस बीच, एक समाचार एजेंसी के पत्रकार की तहरीर के आधार पर यति नरसिंहानंद के विरुद्ध एक और मुकदमा दर्ज किया गया। भड़काऊ भाषण के मामले में एसआइटी ने गुरुवार को जितेन्द्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया था। इधर, सर्वानंद घाट पर उनके समर्थक संतों ने प्रतिकार सभा के साथ ही तीन दिन पहले शुरू प्रतिकार यज्ञ में पूर्णाहुति भी डाली। तय किया कि गिरफ्तार संतों की रिहाई होने तक सत्याग्रह जारी रहेगा।

सभा को संबोधित करते हुए शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप, स्वामी प्रबोधानंद और स्वामी सिंधू सागर, स्वामी परमानंद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संतों के विरुद्ध दमन की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार के इशारे पर दबाव में कार्रवाई की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हिंदू धर्म पर कुठाराघात हो रहा है। संतों ने पत्रकार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने पर सवाल उठाया। कहा कि इससे पहले स्वामी यति नरसिंहानंद ने पुलिस को अपनी शिकायत दी थी, लेकिन उसे दर्ज नहीं किया गया।

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