डॉ पाल ने सुदर्शन के बाद सबसे लंबा वक्त बिताया
उत्तराखंड के लिए नए राज्यपाल की नियुक्ति का एलान होने के साथ ही इस पद से डॉ कृष्णकांत पाल की विदाई तय हो गई है। डॉ पाल राज्य में सबसे लंबा समय व्यतीत करने वालों में दूसरे राज्यपाल हैं।
By Edited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 08:40 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के लिए नए राज्यपाल की नियुक्ति का एलान होने के साथ ही इस पद से डॉ कृष्णकांत पाल की विदाई तय हो गई है। डॉ पाल राज्य में सबसे लंबा समय व्यतीत करने वालों में दूसरे राज्यपाल हैं। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में बेबी रानी मौर्य की नियुक्ति की है। नई राज्यपाल उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल होंगी जो भाजपा की पृष्ठभूमि की हैं। इससे पहले महिला राज्यपाल के रूप में माग्र्रेट आल्वा तैनात रहीं। वह कांग्रेस पृष्ठभूमि की रही हैं। वहीं राज्य के छठवें राज्यपाल के तौर पर डॉ कृष्णकांत पाल ने आठ जनवरी, 2015 में पदभार ग्रहण किया था। डॉ पाल उत्तराखंड में राज्यपाल के रूप में करीब साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उनसे पहले राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल ही सर्वाधिक अवधि चार साल तीन माह तक इस पद पर रहे थे। उत्तराखंड में अब तक छह राज्यपालों में शेष सभी का कार्यकाल उक्त दोनों से कम रहा है। हालांकि, डॉ पाल बतौर राज्यपाल पांच वर्ष का कार्यकाल बीती आठ जुलाई, 2018 को पूरा कर चुके हैं। इसके बाद से ही उन्हें इस पद एक्सटेंशन देने अथवा नहीं दिए जाने को लेकर कयास लग रहे थे। अब केंद्र सरकार ने नए राज्यपाल की नियुक्ति कर स्थिति साफ कर दी है। डॉ पाल ने उत्तराखंड में राज्यपाल पदभार ग्रहण करते हुए राज्य के आयोजनों में राज्यपाल के लिए महामहिम शब्द के संबोधन से परहेज किया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य में शिक्षा के उत्थान के लिए विशेष रूप से कार्य किया। विद्यालयी शिक्षा में उत्तराखंड बोर्ड के टॉपर्स को गवर्नर्स अवार्ड और उच्च शिक्षा में भी गवर्नर्स कॉन्क्लेव और राज्य विश्वविद्यालयों को शोध के लिए प्रोत्साहित करते हुए अभिनव पुरस्कार उन्होंने प्रारंभ किए हैं। वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत के बाद बतौर राज्यपाल उन्होंने अपने मजबूत फैसलों के जरिये प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया।
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