250 रुपये में कैसे खरीदें 540 रुपये की किताबें
सरकार ने सरकारी विद्यालयों में किताबें खरीदने को नौनिहालों के खाते में 150 से 250 रुपये तक डाले हैं, जबकि किताबों का मूल्य 540 रुपये तक पहुंच रहा है। जिससे नौनिहालों को परेशानी हो रही है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: प्रदेश सरकार ने प्रत्येक विद्यालय में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का फरमान जारी तो कर दिया है। लेकिन सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत नौनिहालों के सामने किताबें खरीदना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
सरकार द्वारा प्राथमिक स्तर पर निश्शुल्क मुहैया कराए जाने वाली पाठ्य पुस्तकों की व्यवस्था में इस बार परिवर्तन किया गया है। अब सरकार ने पाठ्य पुस्तकों के बजाय पाठ्य पुस्तकें खरीदने के लिए प्रत्येक नौनिहाल के खाते में प्राथमिक स्तर पर 150 रुपये व जूनियर स्तर पर 250 रुपये मुहैया कराने की व्यवस्था की है। जबकि बाजार में इन किताबों का मूल्य अधिक है। प्राथमिक स्तर पर कक्षा तीन से पांच तक पाठ्य पुस्तकों का कुल मूल्य 240 रुपये जबकि जूनियर स्तर पर 540 रुपये पड़ रहा है। ऐसे में नौनिहाल सरकार द्वारा दी गई राशि से किताब कैसे खरीदें यह समझ नहीं आ रहा है। प्राथमिक स्तर पर एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के कक्षा तीन से कक्षा पांच तक अंग्रेजी, ¨हदी, गणित, व विज्ञान की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं, जिनमें से प्रत्येक का बाजार मूल्य साठ रुपये है। जबकि जूनियर स्तर पर ¨हदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के साथ ही बाल रामायण, बाल महाभारत व भारत की खोज पाठ्य पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं। इसमें भी कक्षा छह व सात में सामाजिक विज्ञान की तीन व कक्षा आठ में सामाजिक विज्ञान की चार पुस्तकें शामिल हैं। इस लिहाज से कक्षा छह व सात में कुल आठ पाठ्य पुस्तकें व कक्षा आठ के पाठ्यक्रम में नौ पुस्तकें शामिल की गई हैं। प्रत्येक का बाजार मूल्य 60 रुपये है। इस लिहाज से कक्षा छह व सात में किताबों का कुल मूल्य 480 व कक्षा आठ की पाठ्य पुस्तकों का कुल मूल्य 540 रूपये बैठता है। जबकि सरकार द्वारा मात्र 250 रुपये ही मुहैया कराए जाने की व्यवस्था की गई है। उधर, अपर परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा डॉ. मुकुल सती ने बताया कि केंद्र सरकार ने बजट में कुछ बढ़ोत्तरी की है। शेष राशि के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जाएगा।