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जीएम प्रशासन को सौंपी वीडियो कांड की जांच, जानिए क्या है पूरा मामला

अनुबंधित ऑपरेटर से अवैध वसूली में परिवहन मंत्री द्वारा निलंबित किए गए रोडवेज में डीलक्स डिपो के एजीएम केपी सिंह के प्रकरण की जांच जीएम प्रशासन निधि यादव को सौंपी गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 02:24 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 09:26 AM (IST)
जीएम प्रशासन को सौंपी वीडियो कांड की जांच, जानिए क्या है पूरा मामला
जीएम प्रशासन को सौंपी वीडियो कांड की जांच, जानिए क्या है पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। बसों के बेरोकटोक संचालन की एवज में अनुबंधित ऑपरेटर से अवैध वसूली में परिवहन मंत्री द्वारा निलंबित किए गए रोडवेज में डीलक्स डिपो के एजीएम केपी सिंह के प्रकरण की जांच जीएम प्रशासन निधि यादव को सौंपी गई है। उनकी अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी व एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार को देगी। जांच टीम ने अवैध वसूली कर रहे एजीएम के वीडियो का परीक्षण शुरू कर दिया है। इससे पहले मंगलवार की सुबह मुख्यालय खुलते ही प्रबंध निदेशक की ओर से केपी सिंह के निलंबन आदेश जारी किए गए। 

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जालंधर निवासी ट्रांसपोर्टर हैप्पी सिंह की तीन वातानुकूलित बसें उत्तराखंड रोडवेज में अनुबंध पर संचालित होती हैं। तीनों ही बसें डीलक्स डिपो के अधीन हैं। डिपो के एजीएम केपी सिंह पर आरोप है कि वे कई माह से ट्रांसपोर्टर की गाड़ियों के संचालन में रोड़ा अटकाकर उसे परेशान कर रहे थे। उसकी बसों के ट्रिप कैंसिल कर ट्रांसपोर्टर को आर्थिक हानि पहुंचाई जा रही थी। तंग आकर ट्रांसपोर्टर ने एजीएम से लेनदेन की डील तय की।

इसी के तहत सोमवार सुबह ट्रांसपोर्टर ने बसों को मई तक डिस्टर्ब नहीं करने के बदले एजीएम को 31 हजार रुपये दिए और इसकी वीडियो मोबाइल पर बना ली। ये वीडियो वायरल हो गया और न्यूज चैनलों पर भी प्रसारित हुआ। इसका संज्ञान लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने प्रथम दृष्ट्या आरोपी एजीएम को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। 

विजिलेंस को शासन से मंजूरी का इंतजार 

रोडवेज एजीएम के अवैध वसूली प्रकरण में विजिलेंस भी सक्रिय हो गई है। मामले में भी विजिलेंस में शिकायत नहीं आई हो लेकिन वसूली का वीडियो सार्वजनिक होने से विजिलेंस ने जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। एसएसपी विजिलेंस सेंथिल अबुदई कृष्राज एस. ने बताया कि अगर शासन इस संबंध में विजिलेंस को कार्रवाई का निर्देश देगा तो विजिलेंस आगे बढ़ेगी। 

... और भी खुलेंगे किस्से 

रोडवेज में अनुबंधित बसों की आड़ में अफसर जो 'खेल' खेल रहे हैं, उसमें कई के लपेटे में आने की चर्चा है। अनुबंधित बसों के ऑपरेटरों से इस तरह की अवैध वसूली नया मामला नहीं है। इन बसों में डीजल चोरी भी अफसरों की शह पर ही होती है। कई दफा मामले पकड़ में आए लेकिन निगम प्रबंधन मामला दबाता रहा। माना जा रहा कि जीएम प्रशासन की जांच में पुराने मामलों की परतें भी उधड़ेंगी। 

महिला अफसर भी कार्रवाई तय 

विशेष श्रेणी चालक और परिचालकों के ईपीएफ खाते को आधार से लिंक करने के बदले सौ-सौ रुपये की अवैध वसूली की आरोपी रोडवेज मुख्यालय की एक महिला अफसर के खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। प्रबंध निदेशक ने इस मामले में जीएम संचालन दीपक जैन से रिपोर्ट तलब की है। निगम मुख्यालय में वित्त अनुभाग में तैनात इस महिला अफसर की कई दिनों से चालक व परिचालक शिकायत कर रहे थे। 

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