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दिल्ली सचिवालय में नौकरी के नाम पर 20 लाख हड़पे

जागरण संवाददाता, देहरादून: नगर कोतवाली क्षेत्र में दिल्ली सचिवालय में नौकरी के नाम पर लाखों रु

By Edited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 05:09 PM (IST)
दिल्ली सचिवालय में नौकरी के नाम पर 20 लाख हड़पे
दिल्ली सचिवालय में नौकरी के नाम पर 20 लाख हड़पे
जागरण संवाददाता, देहरादून : नगर कोतवाली क्षेत्र में दिल्ली सचिवालय में नौकरी के नाम पर लाखों रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। आरोप है कि जसपुर निवासी एक व्यक्ति ने दून निवासी व्यक्ति को उसके बेटे और रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने का झांसा दिया और 20 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित की तहरीर के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोतवाल बीबीडी जुयाल ने बताया कि भीखाराम निवासी रीठा मंडी ने संजय नौटियाल पुत्र परमानंद नौटियाल निवासी भूपसिंह सब्जी मंडी जसपुर ऊधमसिंह नगर के खिलाफ तहरीर दी है। पीड़ित के मुताबिक वह दून स्थित कलावती धर्मशाला में उपप्रबंधक के पद पर कार्यरत है। धर्मशाला में संजय नौटियाल नाम का व्यक्ति आता-जाता रहता था। एक दिन आरोपित ने बताया कि वह कृषि कार्यालय रोशनाबाद में उपकृषि अधिकारी है। उसकी दिल्ली सचिवालय में अच्छी जान-पहचान है। सचिवालय में कनिष्ठ लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के पद पर रिक्तियां हैं। वह चाहे तो अपने बेटे को नौकरी लगवा सकता है। बताया कि इसके लिए तीन लाख रुपये देने पड़ेंगे। जिसमें से 50 हजार एडवांस देने होंगे। पीड़ित के मुताबिक वह झांसे में आ गया और 50 हजार रुपये आरोपित को दे दिए। इसके बाद आरोपित ने दिल्ली सरकार का मोहर लगा एक फर्जी पत्र पीड़ित के बेटे के नाम पर भेज दिया और जिसमें परीक्षा की तिथि अंकित थी। जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि आरोपित नौकरी लगवा सकता है। आरोपित ने कहा कि वह परीक्षा के लिए खुद उसके बेटे को लेने आएगा। इसके बाद वह पीड़ित के बेटे को दिल्ली ले गया और एक होटल में ठहरा कर कहा कि परीक्षा उसके बदले कोई दूसरा देगा। कुछ देर होटल में ठहराने के बाद उसे दून वापस भेज दिया। इसके बाद उसके नाम का फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा, जिसमें सेवायोजन का प्रमाण पत्र न होने की बात कहकर जल्द ही दस्तावेज पूरे करने को कहा गया था। पीड़ित के मुताबिक इसी बीच उसने अन्य लोगों को भी नौकरी लगाने की बात कही और पैसों की मांग की। जिस पर उसने अपने तीन और रिश्तेदारों से नौकरी लगाने के लिए पैसे लिए और आरोपित को दे दिए। पीड़ित के मुताबिक आरोपित को उसने कुल 20 लाख रुपये दिए थे। बताया कि आरोपित ने पीड़ित के रिश्तेदारों को भी दिल्ली बुलाया और होटल में ठहराकर बताया कि जल्द ही उन्हें नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। लेकिन, इसके बाद कभी आरटीआइ का बहाना तो कभी कुछ और बात कहकर वह उन्हें टालता रहा। जब पीड़ित ने आरोपित के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि न तो वह उप कृषि अधिकारी है और न ही उसका बताया पता ही सही है। जिसके बाद उन्हें अपने साथ ठगी का एहसास हुआ। तहरीर के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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