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Dehradun Crime: निवेश के नाम पर डिस्ट्रीब्यूटर को लगाया पांच लाख से ज्यादा का चूना, ऐसे लिया झांसे में

नगर कोतवाली क्षेत्र में कंपनी में निवेश के नाम पर एक डिस्ट्रीब्यूटर को पांच लाख 92 हजार रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 12:04 PM (IST)
Dehradun Crime: निवेश के नाम पर डिस्ट्रीब्यूटर को लगाया पांच लाख से ज्यादा का चूना, ऐसे लिया झांसे में
निवेश के नाम पर डिस्ट्रीब्यूटर को लगाया पांच लाख से ज्यादा का चूना।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर कोतवाली क्षेत्र में कंपनी में निवेश के नाम पर एक डिस्ट्रीब्यूटर को पांच लाख 92 हजार रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है।

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पुलिस के अनुसार राजपुर रोड निवासी राहुल सेतिया ने कोतवाली नगर में तहरीर दी है, जिसमें उन्होंने बताया कि वह एक कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर हैं। डेढ़ साल पहले उनके पास विकास सिंह निवासी मुजफ्फरनगर और राहुल अग्रवाल निवासी ओल्ड डालनवाला एक कंपनी का प्रपोजल लेकर आए। उक्त दोनों के साथ वह पहले भी कार्य कर चुके थे। उन्होंने बताया कि मैसर्स बेसिक-फर्स्ट एक नई स्टार्टअप कंपनी है, जिसमें निवेश पर उनको पांच फीसद मार्जिन मिलेगा। इस पर वह कंपनी में निवेश के लिए तैयार हो गए। 

कंपनी ने ईमेल पर उन्हें कॉन्ट्रैक्ट भेजा। तय हुआ कि पीड़ित का कार्यक्षेत्र देहरादून रहेगा। पीडि़त कंपनी की ओर से भेजे गए टैबलेट शिक्षण संस्थानों व विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएगा। सालाना 30 प्रतिशत से कम आय होने पर कंपनी उसकी भरपाई करेगी। पीड़ित के मुताबिक कंपनी के ऑफर और कारोबार को बढ़ाने के लिए वह उनके झांसे में आ गए और पांच लाख 92 हजार रुपये चेक और आरटीजीएस के माध्यम से कंपनी के खाते में डाल दिए। इसके बाद आरोपित उन्हें बार-बार उत्तराखंड के लिए जीएसटी नंबर प्राप्त न होने का बहाना बनाकर टालते रहे, जिसके बाद पीड़ित सहारनपुर के दो अन्य व्यापारियों को साथ लेकर कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय में भी गए।

यहां कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और कंपनी के मालिक रणधीर सिंह से मुलाकात की। वह भी कॉन्ट्रैक्ट का हवाला देते हुए बार-बार उन्हें टालते रहे। इसके बाद कंपनी की ओर से उन्हें एक चेक दिया गया, जो खाते में पैसे न होने के कारण बाउंस हो गया। पीड़ित के मुताबिक वह फिर कंपनी के कार्यालय नोएडा गए तो पता चला कि कंपनी ने कार्यालय बदल दिया है। इसके बाद कंपनी के मालिक से फोन पर बातचीत हुई, लेकिन वह पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहा है।

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