रिटायर्ड ओएनजीसी अधिकारी और उनकी साली से साढ़े 18 लाख ठगे, जानिए पूरा मामला
साइबर ठग लगातार शहरवासियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने ओएनजीसी अधिकारी और उनकी साली से इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू कराने पर ज्यादा लाभ मिलने का प्रलोभन देकर साढ़े 18 लाख रुपये ठग लिए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। साइबर ठग लगातार शहरवासियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने ओएनजीसी अधिकारी और उनकी साली से इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू कराने पर ज्यादा लाभ मिलने का प्रलोभन देकर साढ़े 18 लाख रुपये ठग लिए। इसके बाद आरोपितों ने ठगी गई धनराशि वापस करने का झांसा देकर तीन लाख रुपये की और मांग की। हालांकि, तब तक ओएसजीसी अधिकारी सचेत हो चुके थे। इस मामले में शुक्रवार को कैंट कोतवाली पुलिस ने सात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस के अनुसार, कौलागढ़ के राजेंद्र नगर में रहने वाली प्रीति नवानी ने बताया कि उनके जीजा वीरेंद्र प्रसाद कोटनाला ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) से सेवानिवृत्त हैं। बीते वर्ष छह जुलाई को वीरेंद्र को दीपिका कोटनाला नाम की महिला का फोन आया। उसने बताया कि उनकी एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी पूरी हो गई है। कोरोनाकाल के कारण पॉलिसी की धनराशि का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाना है। साथ ही महिला ने वीरेंद्र को प्रलोभन दिया कि अगर वह 60 हजार रुपये और जमा कर पॉलिसी को रिन्यू करवाते हैं तो पॉलिसी का अधिक लाभ मिलेगा। महिला ने पॉलिसी का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया था। इसलिए वीरेंद्र ने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया और ऑनलाइन बैंकिंग की ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण अपनी साली प्रीति से उक्त धनराशि महिला के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। छह सितंबर 2020 को प्रीति ने अपने पीएनबी के खाते से महिला के बैंक खाते में 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद 31 जुलाई को वीरेंद्र के पास मनीष खन्ना नाम के शख्स का फोन आया। उसने खुद को लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल का कर्मचारी बताते हुए वीरेंद्र को जानकारी दी कि पॉलिसी रिन्यू करने के नाम पर उनके साथ ऑनलाइन ठगी हो गई है। साथ ही बताया कि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) के नियम के अनुसार ठगी गई धनराशि प्राधिकरण को 30,572 रुपये सिक्योरिटी फीस देने पर वापस मिल सकती है। उसने बाद में सिक्योरिटी फीस वापस मिलने की बात भी कही। वीरेंद्र के कहने पर प्रीति ने 31 जुलाई को ही मनीष के बताए बैंक खाते में 30,572 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद विजय गायकवाड, राजीव रंजन, सत्यजीत पाठक, राधेश्याम मिश्रा व राकेश जैन ने आइआरडीए की सिक्योरिटी, जीएसटी, इनकम टैक्स, वर्चुअल अकाउंट खोलने, एफएनएफ सर्विसेज व अन्य शुल्कों के नाम पर कुल 18 लाख 56 हजार 569 रुपये वीरेंद्र और प्रीति से हड़प लिए। इसके बाद वीरेंद्र के पास सत्यजीत नामक व्यक्ति का फोन आया। उसने वीरेंद्र से कहा कि तीन लाख रुपये जमा कराने पर उन्हें पूरी रकम वापस दिला देगा। तब वीरेंद्र को ठगी को अहसास हुआ और वह अपनी साली के साथ पुलिस के पास पहुंचे।
कैंट कोतवाली के इंस्पेक्टर विद्याभूषण नेगी ने बताया कि प्रीति नवानी की तहरीर पर दीपिका कोटनाला, मनीष खन्ना, विजय गायकवाड, राजीव रंजन, सत्यजीत पाठक, राधेश्याम मिश्रा व राकेश जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसे बचें ठगी से
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि कोई भी बैंक या इंश्योरेंस कंपनी फोन के माध्यम से ऑफर की जानकारी नहीं देती। अगर ऐसा कोई फोन आता है तो उसकी सच्चाई जानने के लिए संबंधित बैंक या इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय में जाएं। वहां से सारी जानकारी हासिल की जा सकती है। फोन पर किसी को भी अपने बैंक खाते या इंश्योरेंस का ब्योरा न दें।
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