पिता ने किया दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म का प्रयास, अदालत ने सुनाई सजा
दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म से प्रयास के मामले में अदालत ने दोषी पिता को चार साल कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर अदालत ने पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
देहरादून, [जेएनएन]: दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में पिता को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने चार साल की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
सरकारी अधिवक्ता बीएस नेगी ने अदालत को बताया कि पटेलनगर क्षेत्र का रहने वाला दोषी पेशे से वाहन चालक है। उसके पांच बच्चे हैं। 22 फरवरी 2014 की रात साढ़े दस बजे चालक काम से घर लौटा। पति व बच्चों आदि को खाना देने के बाद उसकी पत्नी पड़ोस में हो रहे एक कार्यक्रम में चली गई। इस दौरान उसने पति से बच्चों की देखभाल करने की बात कही थी।
थोड़ी देर बाद वहां से लौटी तो देखा तो उसका पति पोलियोग्रस्त बेटी के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश कर रहा है। पत्नी ने झिड़कते हुए उसे बेटी से अलग किया। शोर मचाने पर आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
अगले दिन आरोपी के खिलाफ पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में बेटी ने पिता पर आरोप लगाते हुए सिलसिलेवार घटनाक्रम का जिक्र किया। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म के प्रयास की पुष्टि हुई।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी चालक को दोषी पाया और चार साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।
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