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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा - मंगल गीत गाने वाली महिलाओं की पेंशन सरकार ने रोकी

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में शगुन अक्षर या मंगल गीत गाने वाली महिलाओं को पेंशन नहीं देने को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के इन महिलाओं को पेंशन देने के फैसले की भाजपा सरकार ने भ्रूण हत्या की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 07:56 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 07:56 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा - मंगल गीत गाने वाली महिलाओं की पेंशन सरकार ने रोकी
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रदेश में शगुन अक्षर या मंगल गीत गाने वाली महिलाओं को पेंशन नहीं देने को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के इन महिलाओं को पेंशन देने के फैसले की भाजपा सरकार ने भ्रूण हत्या की है।

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इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में रावत ने कहा कि 2017 में उनके कार्यकाल के बाद आई भाजपा की सरकार ने दर्जनों निर्णयों को क्रियान्वित नहीं किया। कई को आधे में रोक दिया। ऐसा ही गर्भावस्था में हत्या का मामला मंगल गीत या शगुन अक्षर गाने वाली महिलाओं से जुड़ा है। उनकी सरकार ने इन महिलाओं को पेंशन योजना में शामिल करने की बात कही थी। उनके मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया व आदेश जारी हुआ।

उन्होंने कहा कि पेंशन पहुंचने से पहले कांग्रेस सरकार चली गई। हम चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि मंगल गीत गाने वाली महिलाएं ग्रामीण व शहरी संस्कृति की महत्वपूर्ण ध्वज वाहक हैं। इस संस्कृति को बुलंद व जिंदा रखना है ताकि ये परंपराएं चलती रहें।

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सरकार के संरक्षण में हुई कोरोना टेस्टिंग में गड़बड़ी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हरिद्वार में कोरोना टेस्टिंग में गड़बड़ी को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह गड़बड़ी सरकार के संरक्षण में हुई है। इस मामले में तुरंत एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।

हरिद्वार में कोरोना टेस्टिंग में गड़बड़ी ने कांग्रेस को मुद्दा थमा दिया है। पार्टी ने इस मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग के नाम पर जमकर गड़बड़ी की गई। सरकार ने जिन संस्थाओं और व्यक्तियों को टेस्टिंग के संबंध में जिम्मेदारी सौंपी थी, उनकी मानीटरिंग से मुंह फेर लिया गया। एक दिन में क्षमता से ज्यादा टेस्टिंग कैसे हुई, इसकी अनदेखी की गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार की इस लापरवाही की वजह से प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला। इसी कारण राज्य में कोरोना से मृत व्यक्तियों की संख्या में इजाफा हुआ। सरकार और उसकी एजेंसियां इस मामले में सोई रहीं। अब जांच के नाम पर खानापूरी की जा रही है। इस जांच में गंभीरता दिखाई जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके।

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