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राज्य में लागू किया जाए वनाधिकार कानून : किशोर उपाध्याय

जागरण संवाददाता विकासनगर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने राज्य में वनाधिकार कानून लागू करने की पैरवी की है। साथ ही वनों पर आधारित समुदायों की उपेक्षा पर चिता जताई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 09:53 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 09:53 PM (IST)
राज्य में लागू किया जाए वनाधिकार कानून : किशोर उपाध्याय
राज्य में लागू किया जाए वनाधिकार कानून : किशोर उपाध्याय

जागरण संवाददाता, विकासनगर: कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने राज्य में वनाधिकार कानून लागू करने की पैरवी की है। साथ ही वनों पर आधारित समुदायों की उपेक्षा पर चिता जताई।

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वनाधिकार आंदोलन के तत्वावधान में रविवार को सहसपुर में वन गुर्जर समाज का सम्मेलन आयोजित हुआ। इस दौरान किशोर उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 को अभी तक राज्य में लागू नहीं किया गया है, जिसमें वनों पर आधारित समुदायों को उनके व्यक्तिगत व सामुदायिक अधिकारों को बहाल करने की गारंटी दी गई है। उत्तराखंड का 72 फीसद हिस्सा वन क्षेत्र है, लेकिन राज्य के निवासियों को अभी तक उसका अधिकार नहीं है। उपाध्याय ने वनाधिकार आंदोलन की मांगों पर कहा कि वनाधिकार आंदोलन के साथी 18 अप्रैल को सभी संतों से मिलकर राज्य के निवासियों को वनाधिकार दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह करेंगे। उपाध्याय ने कहा कि सभी राज्य वासियों को प्रति माह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निश्शुल्क दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाए व केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। साथ ही एक आवास बनाने के लिये लकड़ी, बजरी व पत्थर निश्शुल्क दिया जाए। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से जनहानि पर 25 लाख क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी, फसल के नुकसान पर 5000 रुपये प्रति नाली क्षतिपूर्ति दी जाए। जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो। कहा कि 22 मई को सभावाला में वन गुर्जरों का महा सम्मेलन किया जाएगा। सम्मेलन में यामीन अंसारी, अशोक कुमार वर्मा, इकबाल सिद्दीकी, सुधीर कुमार, सुरेश कुमार, गुलशेर अली, नफीस अंसारी, सत्तार अली, नीतेश कुमार, निसार अहमद, खुर्शीद मलिक, रमेश कुमार, शमशेर अली आदि मौजूद रहे।


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