Move to Jagran APP

बावरिया गिरोह की सक्रियता से उड़ी नींद

दीपक जोशी, रायवाला: राजाजी टाईगर रिजर्व की मोतीचूर व हरिद्वार रेंज के बीच गुलदार के कं

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 09:08 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 09:08 PM (IST)
बावरिया गिरोह की सक्रियता से उड़ी नींद
बावरिया गिरोह की सक्रियता से उड़ी नींद

दीपक जोशी, रायवाला: राजाजी टाईगर रिजर्व की मोतीचूर व हरिद्वार रेंज के बीच गुलदार के कंकाल की बरामदगी से क्षेत्र में बावरिया गिरोह की सक्रियता की आशंकाओं को बल मिला है। इसे देखते हुए पार्क में चौकसी बढ़ा दी गई है।

loksabha election banner

वन्य जीवों के शिकार की अधिकांश घटनाओं में बावरिया गिरोह की संलिप्तता की बात सामने आती रही है। इनके तार सीमा पार बैठे अंतरराष्ट्रीय माफिया से भी जुड़े हैं। अब राजाजी टाइगर रिजर्व में बावरिया गिरोह की दस्तक ने फिर से वन अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। सूत्रों की माने तो पार्क की मोतीचूर, हरिद्वार, चीला और बेरीवाड़ा रेंज में इनकी घुसपैठ है। शिवालिक की तलहटी में इनके छिपने के अड्डे मौजूद हैं। इन रेंजों में सल्लू सांप बहुतायत हैं। पार्क के उप निदेशक वैभव ¨सह के मुताबिक पूरी चौकसी बरती जा रही है और सुरक्षा व्यवस्था की नियमित समीक्षा की जाएगी।

भागने में कामयाब रहा तस्कर

बीते सोमवार को रामगढ़ व मोतीचूर रेंज अधिकारियों की संयुक्त टीम ने भानियावाला के पास सपेरा बस्ती से सल्लू सांप का गोश्त व अन्य संदिग्ध सामान जब्त किया हालांकि इस दौरान वन कर्मियों को बस्ती के लोगों का विरोध झेलना पड़ा और तस्कर भाग निकला। वहीं बरामद सामान को वन कर्मियों ने जब्त तो कर लिया लेकिन आगे ठोस कार्रवाई के बजाय चुप्पी साध ली। उपनिदेशक वैभव ¨सह ने बताया कि तस्कर की पहचान कर ली गई है और उसकी धरपकड़ के लिए वन कर्मियों को निर्देशित किया गया है।

पहले भी सामने आए हैं मामले

बीते वर्षो में भी इन रेंजों में वन्य जीव अंग तस्करी के मामले सामने आए हैं। आठ जुलाई 2014 में मोतीचूर रेंज में वन कर्मियों और तस्करों के बीच हुई मुठभेड़ में एक तस्कर जख्मी हालत में दबोचा गया। इसके बाद 21 जुलाई 2015 को गौहरी रेंज में तस्करों व वन कर्मियों के बीच मुठभेड़ के बाद दो तस्कर पकड़े गए और तीन भागने में कामयाब रहे थे। जांच में इनके तार बावरिया गिरोह से जुड़े होने की बात सामने आई थी।

खतरे में वनराज की सुरक्षा

सबसे बड़ा सवाल बाघों की सुरक्षा का है। इन दिनों मोतीचूर रेंज में बाघ शि¨फ्टग प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। जल्द ही यहां पांच बाघ लाए जाने की तैयारी है। इसके लिए एक विशेष टीम जुटी हुई है। अहम बात यह भी है कि बावरिया गिरोह से जुड़े लोगों की बस्तियां जंगलों के किनारे पनप रही है। इनको रोकना और पकड़ना पार्क अधिकारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.