दून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की राह में पांच सितारा होटल बना रोड़ा
पांच सितारा होटल की सुविधा न होने से देहरादून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच व आइपीएल के मैचों का आयोजन संभव होता नहीं दिख रहा है। इसका कारण दून में पांच सितारा होटल का न होना है।
देहरादून, निशांत चौधरी। पांच सितारा होटल की सुविधा न होने से देहरादून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच व आइपीएल के मैचों का आयोजन संभव होता नहीं दिख रहा है। यदि जल्द ही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड व राज्य सरकार ने इस दिशा में गंभीर प्रयास नहीं किए तो विश्व पटल पर जिस तेजी से राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम उबरा है, उसकी छवि समय के साथ धूमिल होती जाएगी।
विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की उपयोगिता पर सवाल उठने लगे हैं। देहरादून में पांच सितारा होटल नहीं होने से यहां बड़े आयोजन नहीं हो पा रहे हैं।
स्टेडियम का निमार्ण पूरा होने के बाद ही अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने स्टेडियम को अपना होम ग्राउंड बना लिया था। इसके बाद राजीव गांधी स्टेडियम में पिछले एक साल में दो देश बांग्लादेश और आयरलैंड के साथ अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेली जा चुकी है।
इसी क्रम में छह नवंबर से शुरू हो रही अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला भी यहां खेले जाने की उम्मीद थी, लेकिन श्रृंखला से पहले अफगानिस्तान अपना होम ग्राउंड बदल लिया है। इसका कारण वह स्टेडियम के नजदीक पांच सितारा होटल न होना बता रहा है।
अफगानिस्तान बोर्ड का कहना है कि उसे स्टेडियम से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन बड़ी टीमें पांच सितारा होटल की सुविधाएं मांगती हैं। इसलिए उनको लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को अपना होम ग्राउंड बनाना पड़ा। इस संबंध में अफगानिस्तान बोर्ड ने श्रृंखला की जानकारी दे दी है। अफगानिस्तान-वेस्टइंडीज के बीच छह नवंबर से तीन वन-डे, तीन टी-20 व एकमात्र टेस्ट मैच खेला जाना है।
सुरक्षा नहीं मिलना भी एक कारण
अफगानिस्तान की टीम राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं कराने से नाखुश थी। अफगान टीम जब पहली बार बांग्लादेश के साथ मैच खेलने के लिए देहरादून आई तो सरकार ने उन्हें उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई। आयोजन के बाद उन्हें लंबा चौड़ा बिल थमा दिया गया।
दूसरी बार आयरलैंड के साथ श्रृंखला खेलने दून पहुंची अफगानिस्तान की टीम को सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। यहां तक कि खिलाडिय़ों की बस के आगे चलने के लिए फ्लीट तक नहीं दी गई।
संकेत मिलने पर भी नहीं टूटी सरकार की नींद
जून 2018 में अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच होने वाली श्रृंखला से पहले आइसीसी मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने स्टेडियम का निरीक्षण किया। स्टेडियम की सुविधाओं से वह खुश नजर आए, लेकिन उन्होंने फाइव स्टार होटल न होने की बात कही थी।
इसके बाद रणजी सत्र के दौरान बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना रणजी मैच देखने स्टेडियम पहुंचे थे, वह भी स्टेडियम की सुंदरता के कायल हुए, लेकिन सुझाव स्वरूप उन्होंने पांच सितारा होटल की बात कही थी। इससे पहले आइपीएल फ्रेंचाइजी टीम दिल्ली ने भी स्टेडियम को अपना होम ग्राउंड बनाने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन पांच सितारा होटल नहीं होने से उन्होंने भी हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद भी राज्य सरकार ने दून में फाइव स्टार होटल बनाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया।
हिमाचल प्रदेश से लेनी चाहिए सीख
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में 2009 से आइपीएल व 2012 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन हो रहें हैं। इसके पीछे हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन व राज्य सरकार का बड़ा हाथ है। दोनों ने समन्वय बनाकर स्टेडियम के पास ही फाइव स्टार होटल व तमाम अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई हुई हैं। उत्तराखंड को भी समय रहते हिमाचल से सबक लेना चाहिए।
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उठाया जाएगा उचित कदम
बीसीसीआइ के उपाध्यक्ष महीम वर्मा के अनुसार, अफगानिस्तान-वेस्टइंडीज श्रृंखला का देहरादून से शिफ्ट होना उत्तराखंड के लिए क्षति है। फाइव स्टार होटल के लिए सरकार व बीसीसीआइ से समन्वय बनाकर उचित कदम उठाया जाएगा।
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