उत्तराखंड : चमोली में रोडवेज की बस खाई में गिरी, पेड़ पर जाकर अटकी; पांच लोग हुए घायल
आज नव वर्ष के पहले दिन शनिवार को उत्तराखंड के चमाली जनपद के गैरसैंण क्षेत्र के कुणखेत गांव में बस हादस हो गया। इस हादसे में चालक और परिचालक समेत पांच लोग घायल हो गए। बस देहरादून से नागचूलाखाल जा रही थी।
संवाद सहयोगी, मेहलचौरी (चमोली)। देहरादून से नागचूलाखाल जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बस गैरसैंण-नागचुला मोटर मार्ग पर कुणखेत गांव के पास 30 मीटर खाई में गिरी गई। इस दौरान बस एक पेड़ पर जाकर अटक गई। गनीमत यह रही कि बस में चालक व परिचालक सहित सात यात्री सवार थे। हादसे में चालक, परिचालक और तीन यात्री को हल्की चोट आई हैं। मौके पर पहुंचे गैरसैंण थानाध्यक्ष सुभाष जखमोला ने बताया सभी घायल निजी वाहन से अपने गंतव्य तक रवाना हो गए है।
जानकारी के अनुसार, यह हादसा जिला मुख्यालय गोपेश्वर से करीब 125 किमी दूर हुआ। देहरादून से नियमित नागचूलाखाल आने वाली परिवहन बस अंतिम स्टेशन नागचुलाखाल से 15 किमी पहले कुणखेत गांव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसा आज शनिवार शाम करीब 5 बजे हुआ। बस सड़क के क्षतिग्रस्त पुश्ते से गुजरते हुए अनियंत्रित होकर 30 मीटर खाई में गिर गई। इसमें नागचूलाखाल व रोहिडा जाने जा रहे पांच यात्रियों में से तीन को चोटें आयी हैं।
समय पर नहीं मिली सूचना
कुणखेत गांव में दूरसंचार की लचर व्यवस्था के चलते पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग को भी सही समय पर सूचना नहीं मिल पायी। इसके चलते चोटिल यात्री दुर्घटनास्थल से स्थानीय वाहनों से व्यवस्था कर अपने घरों को निकल गए।
चालक और सहचालक भी हुए घायल
वाहन चालक कालीचरण पुत्र बुद्दीराम निवासी सिमखोली पोखरी चमोली एवं सहचालक मनमोहन पुत्र वीरेंद्र निवासी कुणजुखाल सतपुली पौड़ी को भी हल्की चोटें आयी हैं। थानाध्यक्ष गैरसैंण सुभाष जखमोला ने बताया की सभी सवारियां नजदीकी गांवों की थी, जो अपनी व्यवस्था कर अन्य वाहनों से घरों को चले गये थे।
किसी भी मोबाइल कंपनी की सेवा सही से नहीं करती काम
कुणखेत के पूर्व प्रधान आनंद सिंह एवं बहादुर सिंह ने बताया की गांव में दूरसंचार व्यवस्था नाममात्र की है। किसी भी मोबाइल कंपनी की सेवा सही से काम नहीं करती है। जिसको लेकर स्थानीय विधायक से लेकर केंद्र के मंत्रियों तक से गुहार लगाई गयी, लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं हो पाई। जिससे आपातकालीन स्थितियों में सूचनाओं का आदान प्रदान भी नहीं हो पाता। वहीं, सड़क की चौड़ाई कम होने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
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