केंद्रीय विद्यालयों में फिट इंडिया प्लॉगिंग रन
गाधी जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय विद्यालयों में फिट इंडिया प्लॉगिंग रन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूलों में महात्मा गाधी के भजन छात्र-छात्राओं ने सुनाए गए साथ ही स्वच्छता का संकल्प भी लिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: गाधी जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय विद्यालयों में फिट इंडिया प्लॉगिंग रन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूलों में महात्मा गाधी के भजन छात्र-छात्राओं ने सुनाए गए साथ ही स्वच्छता का संकल्प भी लिया।
केवि आइआइपी ने मोहकमपुर फ्लाईओवर से आइआइपी परिसर तक स्वच्छता दौड़ का आयोजन किया। इसमें करीब 200 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रधानाचार्य मिक्की खुल्बे के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने केवि परिसर, आइआइपी परिसर और मोहकमपुर फ्लाई ओवर के नीचे व आसपास के इलाकों में साफ सफाई की और शहर को प्लास्टिक मुक्त करने में सहयोग देने का संदेश दिया।
केवि एफआरआइ में गाधी जयंती पर सास्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य विवेकानंद बहुखंडी ने महात्मा गाधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इसके बाद सुनील कुमार व एमके बत्रा ने महात्मा गाधी के जीवन और स्वाधीनता संग्राम में उनके योगदान व आदोलनों के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। संगीत शिक्षक सुधीर कुमार ने उनके गाए भजनों को सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ गाकर वातावरण में संगीत का रस घोला। इस अवसर पर स्वच्छ भारत दौड़ आयोजित हुई। जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों ने कूड़ा कचरा एकत्र कर स्वच्छता का संदेश दिया।
केंद्रीय विद्यालय हाथीबड़कला नंबर 2 में भी फिट इंडिया रन आयोजित हुई। इसमें छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में केवि नंबर 2 के नामित अध्यक्ष पंकज मिश्रा और प्रधानाचार्य बख्ते मुनीम ने सभी प्रतिभागियों को टी-शर्ट वितरित की। यह दौड़ केवि से शुरू होकर सर्वे स्टेडियम तक आयोजित की गई। इसके बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए।
केवि ओएफडी में प्रधानाचार्य डॉ. पूनम सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद रघुपति राघव राजा रामा का गायन हुआ। विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के लिए फिट इंडिया प्लॉगिंग रन का आयोजन किया गया। जिसमें मार्ग में पड़े कूड़े-कचरे को स्वनिर्मित पर्यावरणानुकूल थैलों में डालकर सभी को पर्यावरण मित्र बनने का संदेश दिया। इसके अलावा लोगों को पुराने कपड़ों से निर्मित थैले भी बांटे गए।