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विकासनगर में बंद पड़ी पटाखा फैक्ट्री में पहले भी लग चुकी है आग

देहरादून के थाना सहसपुर अंतर्गत शंकरपुर में बंद पड़ी अवैध पटाखा फैक्ट्री में पहले भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। अंदर पड़ी विस्फोटक सामग्री व बारूद के कारण फैक्ट्री के भीतर कई बार आग लग चुकी है जिसे अग्निशमन कर्मियों की सक्रियता से बुझा लिया गया था।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 12:26 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 12:26 PM (IST)
विकासनगर में बंद पड़ी पटाखा फैक्ट्री में पहले भी लग चुकी है आग
थाना सहसपुर अंतर्गत शंकरपुर में बंद पड़ी अवैध पटाखा फैक्ट्री में पहले भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, विकासनगर: थाना सहसपुर अंतर्गत शंकरपुर में बंद पड़ी अवैध पटाखा फैक्ट्री में पहले भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। अंदर पड़ी विस्फोटक सामग्री व बारूद के कारण फैक्ट्री के भीतर कई बार आग लग चुकी है, जिसे अग्निशमन कर्मियों की सक्रियता से बुझा लिया गया था। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बंद फैक्ट्री में तैयार पटाखों के लालच में बच्चे भी दीवार फांदकर कई बार घुस चुके हैं। फैक्ट्री के अंदर पड़ा विस्फोटक कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है। ग्रामीण भी बढ़ते खतरे को देखते हुए पुलिस व प्रशासन से फैक्ट्री में पड़ी विस्फोटक सामग्री को हटाकर निष्क्रिय करने की मांग करने लगे हैं।

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बुधवार को बंद फैक्ट्री में हुए विस्फोट की वजह से सिपाही घायल हुआ, उससे स्थानीय ग्रामीण भी डर गए हैं। दरअसल, छह मार्च 19 को जब फैक्ट्री को सील किया गया था, उस समय सहसपुर पुलिस ने अवैध फैक्ट्री से 575 किलोग्राम पोटेशियम, लगभग 975 किलोग्राम गंधक, लगभग 525 किलोग्राम कोयला पाउडर, 225 किलो प्लास्टर ऑफ पेरिस, पोटेशियम, गंधक व कोयले के मिश्रण के 7 टब, जिसमें लगभग 140 किलोग्राम मिश्रण ज्वलनशील विस्फोटक पदार्थ था, ज्वलनशील बारूद से भरे भूरे रंग के लगभग 10 हजार पटाखे, ज्वलनशील बारूद से भरे पीले रंग के 3,500 पटाखे, अवैध विस्फोटक सामग्री क्रय संबंधी गलत पते पर दर्शाए हुए बिल बाउचर आदि सामान बरामद किया था। पुलिस ने तहसीलदार की निगरानी में फैक्ट्री को सील किया था। अब यह फैक्ट्री लोकल ग्रामीणों के लिए खतरा बनी हुई है। 

अक्टूबर 2020 में भी पटाखा फैक्ट्री में आग लगी थी, जिसको अग्निशमन टीम सेलाकुई ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया था। उससे पहले फैक्ट्री में पटाखे की लालच में बच्चे भी घुस गए थे, जिन्हें ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर से भगाया था। जिस तरह से बंद फैक्ट्री के भीतर आए दिन विस्फोट व आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, उससे शंकरपुर के ग्रामीण डरे हुए हैं, सबसे ज्यादा चिंता उन्हें अपने बच्चों की है, क्योंकि बच्चे सुनसान स्थान पर बंद पड़ी फैक्ट्री में पहुंच जाते हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सहसपुर थानाध्यक्ष एएसपी रेखा यादव के अनुसार फील्ड यूनिट व बम डिस्पोजल टीम ने घटनास्थल से ज्वलनशील पदार्थों के अलग-अलग सैंपल लिए गए हैं। टीम ने ज्वलनशील पदार्थ के शीघ्र निस्तारण के लिए एक रिपोर्ट दी है।

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