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गांव के युवाओं में उत्साह, बुजुर्गो में निराशा

देहरादून नगर निगम में कई ग्राम पंचायत शामिल होने से जहां युवाओ

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 03:00 AM (IST)
गांव के युवाओं में उत्साह, बुजुर्गो में निराशा

जागरण संवाददाता, देहरादून : देहरादून नगर निगम में कई ग्राम पंचायत शामिल होने से जहां युवाओं में उत्साह था तो बुजुर्ग लोग निराश दिखी। युवाओं का मानना है कि गांवों के निगम से जुड़ने से विकास की रफ्तार तेज होगी।

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मियावाला वार्ड संख्या 68 के 66 वर्षीय विरेंद्र सिंह का कहना है कि गांवों को नगर निगम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए था। क्योंकि निगम 60 वार्ड तो संभाल नहीं पा रहा था अब उसके ऊपर 100 वार्ड की जिम्मेदारी होगी। इससे नए क्षेत्रों को सुविधा तो क्या मिलेगी बल्कि परेशानियां ही बढ़ेगी। वहीं चकतुनवाला की 65 वर्षीय धनी देवी ने कहा कि गाव को गाव ही रहने देना चाहिए था। नगर निगम में शामिल कर गावों में भी अब कंक्रीट के जंगल उग जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम शहर की भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहते। मियावाला वार्ड के 68 वर्षीय जीके पाडे ने कहा कि गांव के विकास के लिए हम तो उसी को वोट देंगे जिसकी सरकार तक पहुंच होगी। क्योंकि आखिरकार काम तो सरकार ने ही करना है। इसी वार्ड के 61 वर्षीय कैलाश डबराल का मानना है कि सिर्फ निगम की आय बढ़ाने के मकसद से ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल किया गया है। इससे गांव के लोगों को अब सुविधा तो नहीं मिलेगी बल्कि टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। रायपुर वार्ड की 21 वर्षीय कविता बहुगुणा ने कहा कि नगर निगम में आने से क्षेत्र का विकास होगा और जो सुविधाएं शहर के लोगों को मिलती थीं, वह अब गावों को भी मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि जो प्रत्याशी हमारे क्षेत्र में अब तक सक्रिय रहे हम उसे ही चुनेंगे। मियावाला वार्ड के 23 वर्षीय अंकित जुयाल ने कहा कि नगर निगम में शामिल होने से गावों का विकास तेजी से होगा। नगर निगम में शामिल होने से शहरों वाली सुविधाएं यहा भी मिलने लगेंगी। निगम में आने के बाद जल्द ही यहा की तस्वीर बदलेगी।

70 वर्षीय छोटे लाल ने चोट लगे हाथ से डाला वोट

वार्ड संख्या 66 रायपुर के केशरवाला निवासी 70 वर्षीय छोटे लाल के हाथ में चोट लगी थी लेकिन उन्होंने दर्द की परवाह न कर वोट डाला। मतदान के समय उनकी पत्नी उर्मिला देवी उनके साथ थी। उन्होंने कहा कि मतदान हमारा अधिकार है और आखिरी दम तक हम करते रहेंगे। गांव को नगर निगम से जोड़ने के सवाल पर वह उखड़ गए बोले ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम में शामिल कर यहां की हरियाली उजाड़ने का काम सरकार ने किया है। इसका हम समर्थन नहीं करते। नगर निगम यहां टैक्स लगाएगा लेकिन सुविधा के नाम पर हाथ खड़े कर देंगे हमें गांव में रहने देते तो ज्यादा ठीक रहता।


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