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उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में लगेंगे 10 एक्स बैंड रडार

मौसम की सटीक पूर्वानुमान के मद्देनजर भारत मौसम विभाग पश्चिमोत्तर के हिमालयी राज्यों उत्तराखंड हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में 10 एक्स बैंड रडार स्थापित करेगा।

By Edited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 09:12 PM (IST)
उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में लगेंगे 10 एक्स बैंड रडार
उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में लगेंगे 10 एक्स बैंड रडार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। बादल फटने समेत मौसम की सटीक पूर्वानुमान के मद्देनजर भारत मौसम विभाग पश्चिमोत्तर के हिमालयी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में 10 एक्स बैंड रडार स्थापित करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ .हषवर्द्धन ने लोकसभा में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

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गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने गढ़वाल क्षेत्र में बादल फटने की घटनाओं, मौसम चेतावनी प्रणाली और आपदा में नुकसान को कम किए जाने के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों का ब्योरा मांगा था। इसके जवाब में पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने माना कि गढ़वाल क्षेत्र के अनेक भागों में बादल फटने की घटनाएं हो रही है। हाल में दो जून को लामबगड़ गांव और चार जुलाई को अगस्त्यमुनि इलाके में बादल फटने की घटनाओं की सूचना है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि विभिन्न स्रोतों की रिकार्डिंग के ताजा संकलन के अनुसार हिमालय के दक्षिणी क्षेत्र में 1970 से 2016 की अवधि के दौरान बादल फटने की 30 घटनाएं हुई। इनमें 17 घटनाएं उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की हैं। उन्होंने कहा कि बादल फटने की घटनाओं में बहुत नुकसान होता है, मगर क्षति का विवरण मौसम विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि मौसम पूर्व चेतावनी प्रणाली का उन्नयन और संवद्र्धन एक सतत प्रक्रिया है। इस प्रणाली में सुधार होने से जानमाल के नुकसान में कमी आने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए पांच दिनों के लिए पूर्वानुमान और चेतावनी के साथ सूचनाएं जारी की जा रही हैं। बादल फटने और तात्कालिक जानकारी का पता लगाने में मदद के लिए पश्चिमोत्तर हिमालयी राज्यों में 10 एक्स बैंड रडार स्थापित किए जाएंगे।

पहाड़ में रोजगार को बने अलग नीति

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने लोकसभा में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से निरंतर हो रहे पलायन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अभाव में पलायन हो रहा है। लिहाजा, पलायन थामने को पहाड़ के लिए रोजगार की अलग नीति बननी चाहिए। इसमें लघु उद्यमों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने ब्लाक व तहसील स्तर पर केंद्रीय विद्यालय खोलने पर भी जोर दिया। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की जरूरत बताई।

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