किशोर को विधानसभा में घुसने से रोका, हंगामा
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय को विधानसभा के भीतर न आने देने को लेकर जम कर हंगामा हुआ।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय को विधानसभा के भीतर न आने देने को लेकर जम कर हंगामा हुआ। विधायक काजी निजामुद्दीन ने सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों पर सवाल उठाते हुए इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताया। मामला बढ़ता देख किशोर को विधानसभा के भीतर प्रवेश करने दिया गया। वहीं, किशोर उपाध्याय ने कहा कि वह केवल उत्तराखंड के निवासियों के परंपरागत अधिकारों, हक हकूकों के संरक्षण और उत्तराखंड वासियों को वनवासी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर विधानसभा आ रहे थे। पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें प्रवेश से रोका नहीं जा सकता।
मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहयोगियों के साथ अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने विधानसभा आ रहे थे। पुलिस को यह सूचना मिली कि वह सदन के भीतर इसकी प्रतियां फेंक सकते हैं। इस पर पुलिस ने उन्हें पहले सड़क पर ही रोकने का प्रयास किया। यहां किशोर पुलिस को गच्चा देकर परिसर में पहुंच गए। जब वह विधानसभा भवन के भीतर आने का प्रयास कर रहे थे तो वहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर किशोर अपने सहयोगियों के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने भाजपा सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाया। इस बीच पुलिस उनके सहयोगियों को उठाकर बाहर ले गई। इस दौरान कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन विधानसभा के भीतर जा रहे थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को धरने पर बैठा देख उनका पारा चढ़ गया। वह उन्हें उठाकर भीतर ले जा रहे थे तो सादी वर्दी में तैनात दो पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। विधायक काजी निजामुद्दीन ने इसे विशेषाधिकार हनन की बात कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उनके तेवर देख पुलिस कर्मियों ने किशोर उपाध्याय को भी भीतर प्रवेश करने दिया। सदन के भीतर कांग्रेसी विधायकों ने इस मामले को उठाया। इस पर पीठ ने निर्देश दिए कि पूर्व विधायकों को विधानसभा में प्रवेश करने से रोका नहीं जाए।