'नशे के खिलाफ जंग, मौसमी फलों के संग' हरदा फिर हाजिर
केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को लेकर हमलावर रुख अतिख्यार करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा असोम के प्रभारी हरीश रावत अब सोमवार को देहरादून में 'नशे के खिलाफ जंग, मौसमी फलों के संग' कार्यक्रम के जरिये लोगों से रूबरू होंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को लेकर हमलावर रुख अतिख्यार करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा असोम के प्रभारी हरीश रावत अब सोमवार को देहरादून में 'नशे के खिलाफ जंग, मौसमी फलों के संग' कार्यक्रम के जरिये लोगों से रूबरू होंगे। इस कार्यक्रम को राज्य के मुद्दों को लेकर हरदा की अलहदा सियासत के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के आलोक में एक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड की सियासत पर अपनी पकड़ ढीली होने देने को तैयार नहीं हैं। अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में पर्वतीय सरोकारों से जुड़ी पहल आगे बढ़ा चुके हरदा विधानसभा चुनाव के बाद की अपनी दूसरी पारी में उन सरोकारों को जन मुद्दे बनाने का मौका नहीं छोड़ रहे। साथ में चर्चा के केंद्र में रहने की सियासत के मामले में पार्टी के भीतर और बाहर अपने विरोधियों पर हावी रहने की रणनीति को भी अंजाम दे रहे हैं।
पूर्व में पर्वतीय क्षेत्रों का फल काफल हो या ककड़ी, आम हों या भुट्टे की दावत के अपने अलहदा अंदाज से हरदा पार्टी नेतृत्व को भी संदेश देने से नहीं चूके कि उन्हें हाशिये पर नहीं रखा जा सकता। प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व बदलने के बाद अब जबकि नई प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी में अंदरखाने खींचतान चरम पर हैं, ऐसे में हरीश रावत अपने इर्द-गिर्द अपने समर्थकों का मजबूत घेरा बनाए रख संगठन को भी अहमियत बयां करते दिख रहे हैं।
इस कड़ी में अब वह न सिर्फ राज्य में नशे के खिलाफ जंग छेड़ने जा रहे हैं, बल्कि यहां के मौसमी फलों को भी प्रोत्साहन देने की उनकी मंशा है। इसी के तहत उनकी ओर से सोमवार को देहरादून में 'नशे के खिलाफ जंग, मौसमी फलों के संग' कार्यक्रम का आयोजन किया है।