उत्तराखंड में परिवहन विभाग में अधिकारियों की फौज, पर कर्मचारियों की है कमी
उत्तराखंड में परिवहन विभाग में अधिकारियों की फौज है लेकिन कर्मचारियों की कमी है। परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही 50 प्रतिशत भी नहीं हैं। इस संबंध में परिवहन मुख्यालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में यातायात व्यवस्था, सड़क सुरक्षा और वाहनों के अवैध संचालन को रोकने के लिए जिम्मेदार परिवहन विभाग (Uttarakhand Transport Department) अपनी व्यवस्थाओं को ही दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि विभाग में निर्देश देने वाले अधिकारियों की तो भरमार है, लेकिन काम करने वाले कार्मिकों की खासी कमी है। रिक्त पद भरने के लिए अब विभाग द्वारा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
विभाग वसूलता 900 करोड़ रुपये तक का राजस्व
प्रदेश में परिवहन विभाग (Uttarakhand Transport Department) राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। विभाग वाहनों के रजिस्ट्रेशन से लेकर वाहनों के टैक्स से 800 करोड़ से 900 करोड़ रुपये तक का राजस्व वसूलता है। इस कार्य में सबसे अहम भूमिका सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों, परिवहन कर अधिकारी, संभागीय निरीक्षक, प्राविधिक, प्रवर्तन पर्यवेक्षक और प्रवर्तन सिपाहियों की होती है। विभाग में इन्हीं की सबसे अधिक कमी है।
यह है विभागीय ढांचा
विभागीय ढांचे पर नजर डालें तो मुख्यालय में परिवहन आयुक्त से लेकर वित्त नियंत्रक तक के कुल 16 पद हैं। इसके सापेक्ष 13 पद भरे हुए हैं। इसमें तीन पद जो खाली हैं, वे अपर परिवहन आयुक्त और उप परिवहन आयुक्त के हैं। ये सारे पद पदोन्नति के हैं और पात्र अधिकारियों के न होने के कारण इन्हें भरा नहीं जा सका है।
कई पद चल रहे हैं खाली
शेष विभागीय ढांचे पर नजर डालें तो प्रवर्तन कार्यों व सहायक संभागीय परिवहन कार्यालयों की कमान संभालने वाले सहायक परिवहन अधिकारी यानी एआरटीओ के 32 पद हैं। इनमें से 21 खाली चल रहे हैं। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के 20 पदों के सापेक्ष 11 पद खाली चल रहे हैं।
प्रवर्तन सिपाहियों के 205 पदों में से 122 पद रिक्त
परिवहन कर अधिकारियों के 47 पदों में से 32 पद रिक्त चल रहे हैं। वाहनों की फिटनेस जांचने वाले संभागीय निरीक्षक, प्राविधिक के 24 पदों के सापेक्ष 14 पद खाली चल रहे हैं। प्रवर्तन कार्यों में मुख्य भूमिका निभाने वाले प्रवर्तन सिपाहियों के 205 पदों में से 122 पद रिक्त चल रहे हैं, यानी इनमें आधे पद भी भरे हुए नहीं हैं।
पदों को भरने की चल रही है तैयारी
विभाग में कार्यों के लगातार बढ़ते बोझ को देखते हुए अब इन्हें भरने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में अब विभाग द्वारा इन पदों को भरने के लिए अधियाचन भेजा गया है। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि इन पदों को भरने की तैयारी चल रही है। अक्टूबर-नवंबर तक कर्मचारियों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी।