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Union Budget 2019: बजट में आयकर छूट न मिलने से कर्मचारी हुए मायूस

कर्मचारी संगठनों ने इस बजट को निराशाजनक बताया। कहा कि सातवें वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा जब कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा का लाभ मिलेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 03:15 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 03:15 PM (IST)
Union Budget 2019: बजट में आयकर छूट न मिलने से कर्मचारी हुए मायूस
Union Budget 2019: बजट में आयकर छूट न मिलने से कर्मचारी हुए मायूस

देहरादून, जेएनएन। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट जारी होने से कर्मचारी निराश हैं। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें आयकर छूट की सीमा बढ़ने से लाभ मिलेगा। मगर, बजट में इसका कोई ख्याल नहीं रखा गया। कर्मचारी संगठनों ने इस बजट को निराशाजनक बताया। कहा कि सातवें वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा, जब कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा का लाभ मिलेगा। ऐसे में जो वेतन आ रहा है, उसका बड़ा भाग आयकर के रूप में वापस जा रहा है। जिससे कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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प्रो. एचसी पुरोहित (विभागाध्यक्ष प्रबंधन विभाग, दून यूनिवर्सिटी) का कहना है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बजट से कर्मचारियों को उम्मीदें थी। मगर, आयकर छूट की सीमा न बढऩे से कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। एक तरफ सरकार ने सातवें वेतन का लाभ दिया, वहीं दूसरी तरफ टैक्स के रूप में बढ़ाए गए वेतन को वापस ले रही है।

सुधा कुकरेती (जिलाध्यक्ष डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन) का कहना है कि कर्मचारियों को बजट से घोर निराशा हुई है। सातवें वेतन के बाद इस बार के बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीदें थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

अशोक चौधरी (महामंत्री, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन) का कहना है कि कर्मचारी आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे। आयकर की छूट बढ़ने से ही कर्मचारियों को लाभ होना था। बजट में इसका ख्याल नहीं रखा गया। अब कमाई का आधा हिस्सा आयकर में जा रहा है।

आशीष उनियाल (महासचिव गढ़वाल मंडल विकास निगम कर्मचारी संगठन) का कहना है कि इस बजट में कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिला है। दूसरी बार सरकार बनने से कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीदें थी। पहले से स्लैब रखे गए, उसका लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है।

पूर्णानंद नौटियाल (प्रांतीय महामंत्री, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड) का कहना है कि बजट से कर्मचारी वर्ग बेहद निराश है। आंदोलन के बाद कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिला। लेकिन आयकर स्लैब में छूट न दिए जाने से वेतन की आधी रकम टैक्स में जा रही है।

अरुण कुमार पांडेय (कार्यकारी महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद) का कहना है कि इस बजट में कार्मिकों को आयकर छूट की सीमा आठ लाख बढ़ाने की उम्मीद थी। मगर, केंद्र सरकार ने कार्मिकों के हितों का ध्यान नहीं रखा है। इससे हर स्तर का कार्मिक आयकर कटौती के दायरे में आ गया है। 

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