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Electricity Bill Uttarakhand: 22 लाख उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी

Electricity Bill Uttarakhand कुल 27 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 22 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ गया है। अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 49 पैसे और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 69 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं जिनका लोड चार किलोवाट तक के लिए फिक्स चार्ज में 15 रुपये प्रति किलोवाट चार किलोवाट से अधिक वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ा है।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Published: Sat, 27 Apr 2024 07:34 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 07:34 AM (IST)
Electricity Bill Uttarakhand: उपभोक्ताओं को बिजली का 'झटका'

जागरण संवाददाता, देहरादून: Electricity Bill Uttarakhand: ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में एक बार फिर उपभोक्ताओं को बिजली का 'झटका' लगा है। करीब कुल 27 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 22 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ गया है।

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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक विद्युत टैरिफ जारी कर दिया है। टैरिफ के प्रस्ताव का अध्ययन कर सभी हितधारकों के सुझाव व आपत्तियां लेने के बाद आयोग ने कुल औसत वृद्धि 6.92 प्रतिशत करने का निर्णय लिया।

जबकि, पिछले वर्ष के टैरिफ के सापेक्ष बिजली के समस्त निगमों ने प्रस्तावित संकलित वृद्धि 38.66 प्रतिशत और ऊर्जा निगम ने टैरिफ में प्रस्तावित वृद्धि 27.06 प्रतिशत रखी थी।

प्रति यूनिट चुकाने हैं इतने रुपए

नए टैरिफ के अनुसार, अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 49 पैसे और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 69 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे। इसके अलावा फिक्स चार्ज में भी प्रति किलोवाट 15 से 20 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दिए गए हैं। नई दरें एक अप्रैल से लागू मानी जाएंगी।

कई माह की कसरत के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई विद्युत दरें निर्धारित कर दी हैं। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने नए वार्षिक टैरिफ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम की ओर से वार्षिक आय-व्यय के आधार पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व आवश्यकता का ब्योरा दिया गया था। जिसमें कुल राजस्व आवश्यकता 12,562.27 करोड़ बताई थी।

साथ ही टैरिफ में 27.06 प्रतिशत वृद्धि की मांग की थी। जिसका अध्ययन व परीक्षण करने के बाद आयोग ने राजस्व आवश्यकता का पुनर्निर्धारण कर 10,690.03 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया है। जिसके लिए वार्षिक विद्युत टैरिफ में 6.92 प्रतिशत की ही वृद्धि स्वीकृत की। इसमें साढ़े चार लाख बीपीएल और हिमाच्छादित उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों व फिक्स चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

बताया कि घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं जिनका लोड चार किलोवाट तक है, के लिए फिक्स चार्ज में 15 रुपये प्रति किलोवाट, चार किलोवाट से अधिक वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ाया गया है। वहीं, एकल बंदु बल्क सप्लाई उपभोक्ताओं के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ाया गया है।

घरेलू उपभोक्ताओं पर 25 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ेगा भार

नए विद्युत टैरिफ के अनुसार, घरेलू श्रेणी के 100 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरें 25 पैसे प्रति यूनिट, 101 यूनिट प्रति माह से 200 यूनिट उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए 30 पैसे प्रति यूनिट, 201 यूनिट प्रतिमाह से 400 यूनिट प्रतिमाह तक और 400 यूनिट प्रति माह से अधिक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं बिजली 40 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गई हैं।

फिक्स चार्ज में भी 100 से 400 यूनिट उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए एक किलोवाट के कनेक्शन पर 15 रुपये, दो किलोवाट से चार किलोवाट तक के कनेक्शन पर 15 रुपये और चार किलोवाट से अधिक भार के कनेक्शन पर 20 रुपये प्रति माह फिक्स चार्ज बढ़ा दिया गया है।

विद्युत टैरिफ में श्रेणीवार की गई औसत वृद्धि

  • श्रेणी, पिछला टैरिफ, नया टैरिफ, वृद्धि
  • घरेलू, 5.33, 5.82, 0.49
  • अघरेलू, 7.74, 8.43, 0.69
  • गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी, 7.70, 8.36, 0.66
  • निजी नलकूप, 2.37, 2.64, 0.27
  • एलटी इंडस्ट्री, 7.20, 7.84, 0.64
  • एचटी इंडस्ट्री, 7.26, 7.90, 0.64
  • मिश्रित भार, 6.95, 7.47, 0.52
  • रेलवे, 6.89, 7.43, 0.54
  • ईवी चार्जिंग स्टेशन, 6.25, 7.00, 0.75
  • (टैरिफ दरें प्रति यूनिट)

दो वर्षों में 16 प्रतिशत से अधिक महंगी हुई बिजली

उत्तराखंड में हर साल ही बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 के लिए बिजली के दाम कुल 9.64 प्रतिशत बढ़े थे, जबकि इस बार करीब सात प्रतिशत वृद्धि और हुई है। ऐसे में दो वर्ष में प्रदेश में बिजली करीब 16 प्रतिशत से महंगी हो गई है।

वहीं, फिक्स चार्ज में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इसके अलावा समय-समय पर फ्यूल एंड पावर पर्चेज एडजस्टमेंट के नाम पर भी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है।


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