Move to Jagran APP

पेटीएम, गूगल-पे से हटा बिजली का सर्विस नंबर, उपभोक्ता परेशान; झेल रहे ये दिक्कतें भी

ऊर्जा निगम सर्विस नंबर की जगह इलेक्ट्रिसिटी अकाउंट नंबर के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रहा और इसी के चलते पेटीएम गूगल-पे और भुगतान के अन्य ऑनलाइन माध्यम से पहले से दर्ज रहने वाली जानकारी हट चुकी है। इसके चलते उपभोक्ता भुगतान के लिए परेशान हो रखे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 07:35 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:44 AM (IST)
पेटीएम, गूगल-पे से हटा बिजली का सर्विस नंबर, उपभोक्ता परेशान; झेल रहे ये दिक्कतें भी
पेटीएम, गूगल-पे से हटा बिजली का सर्विस नंबर, उपभोक्ता परेशान।

देहरादून, जेएनएन। ऊर्जा निगम को उन उपभोक्ताओं का धन्यवाद करना चाहिए और उनकी सेवा में तत्पर रहना चाहिए, जो बिजली के बिल का ऑनलाइन भुगतान करते हैं, क्योंकि इस तरह के उपभोक्ताओं से निगम को झटपट पैसा मिलता है और बिलिंग काउंटर पर कर्मचारियों की अधिक तैनाती की भी फिक्र नहीं करनी पड़ती। अफसोस कि ऊर्जा निगम को ऐसे जागरूक उपभोक्ताओं की फिक्र ही नहीं है। तभी तो ऑनलाइन (डिजिटल) पेमेंट के विकल्प में बड़ा बदलाव किए जाने के बाद भी उसकी जानकारी उपभोक्ताओं से साझा नहीं की गई। अब ऊर्जा निगम सर्विस नंबर की जगह इलेक्ट्रिसिटी अकाउंट नंबर के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रहा और इसी के चलते पेटीएम, गूगल-पे और भुगतान के अन्य ऑनलाइन माध्यम से पहले से दर्ज रहने वाली जानकारी हट चुकी है। इसके चलते उपभोक्ता भुगतान के लिए परेशान हो रखे हैं।

loksabha election banner

जब भी कोई उपभोक्ता ऑनलाइन माध्यम से बिजली के बिल का भुगतान करता है तो उस माध्यम में कनेक्शन की जानकारी आगे के लिए भी दर्ज हो जाती है। पूर्व में यह जानकारी सर्विस नंबर के रूप में दर्ज रहती थी। बिजली का बिल जारी होने पर उन्हीं ऑनलाइन माध्यम से उपभोक्ताओं को न सिर्फ बिल जारी होने की जानकारी मिल जाती थी, बल्कि उसमें बिल की राशि भी दर्ज मिलती थी। उपभोक्ताओं को सिर्फ भुगतान करना पड़ता था।इस दफा बिजली का बिल घर पहुंच गया, लेकिन उपभोक्ताओं को उनके ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से कोई सूचना नहीं मिली। जब उपभोक्ताओं ने स्वयं भुगतान करने की कोशिश की तो इलेक्ट्रिसिटी अकाउंट नंबर दर्ज करने के विकल्प ने उन्हें असमंजस में डाल दिया। बदली व्यवस्था के क्रम में पूर्व की जानकारी (सर्विस नंबर) स्वत: मिट गई।

बिल में कहां है अकाउंट नंबर, ढूंढते रह जाओगे

बिजली के बिल की पूर्व की जानकारी हट जाने के बाद उपभोक्ता जब घर पर भेजे गए बिल में इलेक्ट्रिसिटी अकाउंट नंबर खोज रहे हैं तो वह उन्हें मिल ही नहीं रहा। बिल में कई तरह के नंबर दर्ज हैं। ऐसे में किसे अकाउंट नंबर माना जाए, उसकी जानकारी ही नहीं है। वैसे भी ऊर्जा निगम जिसे अकाउंट नंबर बताकर बिल में दर्ज कर रहा है, उसके आगे 'ग्रुप' लिखा। अब कोई भला कैसे ग्रुप को अकाउंट नंबर समझ सकता है। बिल पर की जा रही इस तरह की हीलाहवाली सिर्फ उपभोक्ताओं को परेशान करने का काम कर रही है।

जहां अकाउंट नंबर लिखा भी, उसकी स्याही फीकी

अगर कोई यह समझ भी ले कि अकाउंट नंबर कहां पर लिखा है तो उसे पढ़ना भी किसी पहेली को हल करने से कम नहीं है। वह इसलिए कि अकाउंट नंबर के ऊपर कुछ और भी लिखा है। यह एक तरह का डबल प्रिंट या ओवरलैपिंग (ढकाव) है। एसएमएस में नहीं लिख रहे अकाउंट नंबरबिल जारी होने के बाद उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से भी जानकारी भेजी जाती है। साथ ही ईमेल भी किया जाता है। इसमें दिक्कत यह है कि एसएमएस में इलेक्ट्रिसिटी अकाउंट नंबर दर्ज नहीं किया जा रहा। सिर्फ ईमेल में अकाउंट नंबर दर्ज किया गया है। तमाम उपभोक्ता ईमेल का प्रयोग नहीं करते हैं और जो करते भी हैं, उनमें से कई के पास हर समय मेल चेक करने की व्यवस्था नहीं होती। लिहाजा, यह स्थिति भी उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बन रही है और इसके चलते ऊर्जा निगम को विलंब से भी भुगतान प्राप्त हो रहा है।

ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता(आइटी) विशाल राणा ने बताया कि ऊर्जा निगम ने एचडीएफसी बैंक के साथ जो इंटीग्रेशन किया है, उसमें अकाउंट नंबर के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया जा रहा है। धीरे-धीरे कर सभी बिल इसी के अनुरूप भेजे जा रहे हैं। अब भविष्य में अकाउंट नंबर ही मान्य होगा। बिलिंग में अकाउंट नंबर का स्पष्ट उल्लेख करने, एसएमएस में भी अकाउंट नंबर दर्ज करने व अन्य तरह की मुश्किलों को जल्द दूर कराया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Power Cut: जौनसार और पछवादून में कई जगह घंटों गायब रही बिजली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.