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Electricity Rates Hike Uttarakhand: एक साल में उपभोक्ताओं को मिली बिजली कम, लेकिन महंगाई का 'करंट' लगा ज्‍यादा

Electricity Rates Hike Uttarakhand ऊर्जा प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति तो दूर सस्ती बिजली भी नहीं मिल पा रही है। यही नहीं महंगी बिजली के कारण उद्योगपति भी उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने से बच रहे हैं।

By Vijay joshiEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:21 AM (IST)
Electricity Rates Hike Uttarakhand: एक साल में उपभोक्ताओं को मिली बिजली कम, लेकिन महंगाई का 'करंट' लगा ज्‍यादा
Electricity Rates Hike Uttarakhand: लगातार बढ़ रही विद्युत दरों से आमजन की जेब ढीली हो रही है।

विजय जोशी, देहरादून: Electricity Rates Hike Uttarakhand: ऊर्जा प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति तो दूर सस्ती बिजली भी नहीं मिल पा रही है। लगातार बढ़ रही विद्युत दरों से आमजन की जेब ढीली हो रही है।

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यही नहीं, महंगी बिजली के कारण उद्योगपति भी उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने से बच रहे हैं। हालांकि, ऊर्जा निगम राष्ट्रीय स्तर पर बिजली महंगी होने और मांग में तेजी से इजाफा होने की दलील दे रहा है। लेकिन आम उपभोक्ता इससे खफा है।

एक वर्ष में पहले ही तीन बार वृद्धि

बीते एक वर्ष में ऊर्जा निगम ने बिजली की दरों में पहले ही तीन बार वृद्धि कर दी थी। ऐसे में आम उपभोक्ताओं पर एक साल के भीतर 53 पैसे से 83 पैसे प्रति यूनिट तक का भार बढ़ गया है।

उत्तराखंड में निर्बाध आपूर्ति का दावा करने वाला ऊर्जा निगम मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता बनाने में असफल रहा है। जिसके चलते लगातार शहर से लेकर गांव तक उपभोक्ताओं को विद्युत कटौती की मार झेलनी पड़ती है।

हालांकि, निगम की ओर से केंद्रीय पूल और अन्य माध्यमों से महंगी बिजली खरीद कर आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के दावे किए जाते हैं। निगम महंगी बिजली खरीद के कारण विद्युत टैरिफ में बढ़ोतरी की लगातार पैरवी करता है। यही कारण है कि राजस्व बढ़ाने के लिए निगम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में पहले ही तीन बार दाम बढ़ा दिए और अब वार्षिक टैरिफ में भी दरों में वृद्धि कर दी गई है।

बिजली के बिल में कुल 9.64 प्रतिशत इजाफा

बीते वर्ष पहले एक अप्रैल से 2.68 प्रतिशत की वृद्धि बिजली दरों में हुई। इसके बाद ऊर्जा निगम की पुनर्विचार याचिका में आयोग ने दरों में 3.85 प्रतिशत की और वृद्धि कर दी। बीते सितंबर में सरचार्ज भी बढ़ाया गया और हर तीन माह में बढ़ने वाला फ्यूल चार्ज भी इसमें जोड़ दिया गया।

ऐसे में पहले ही बिजली के बिल में 7.85 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी थी। अब आयोग ने 1.79 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का अनुमोदन कर दिया है। इस प्रकार एक साल में बिजली के बिल में कुल 9.64 प्रतिशत इजाफा हो गया है।

एक हजार रुपये पर करीब 100 रुपये बढ़े

घरेलू उपभोक्ताओं की बात करें तो करीब एक हजार रुपये के बिल पर लगभग 100 रुपये बढ़कर आएंगे। वहीं, 2000 हजार रुपये के बिल पर 200 और 3000 हजार रुपये का बिल अब 3300 हो जाएगा। हालांकि, इसमें पहले ही सरचार्ज और पूर्व में बढ़ी दर जुड़ी है, इसलिए उपभाेक्ताओं को कुल वृद्धि का अंदाजा लगना मुश्किल है।


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